चंकी बाजपेयी,इंदौर। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर विकास की ओर बढ़ रहा है। इसी के चलते इंदौर नगर निगम में आयोजित MIC बैठक में कई अलग-अलग प्रस्तावों को मंजूरी मिली है। इसमें से एक रेसीडेंसी कोठी का नाम भी शामिल है। जिसमें कोठी का नाम बदलकर शिवाजी कोठी रखा जाएगा।

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इंदौर की रेसीडेंसी कोठी का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी कोठी रखा गया। यह महत्वपूर्ण निर्णय नगर निगम की मेयर इन काउंसलिंग का है। बताया जा रहा है कि, यह कोठी अंग्रेजी शासन काल में अंग्रेजों की सत्ता का केंद्र थी। 204 साल पहले रेसीडेंसी कोठी का निर्माण किया गया था। 1857 की क्रांति के समय भी रेसीडेंसी कोठी पर बगावत हुई थी।

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बतादें कि, सन 1820 में रेसीडेंसी कोठी का निर्माण शुरू हुआ था। सेंट्रल इंडिया एजेंसी के मुख्यालय के तौर पर यहां से इंदौर और आसपास की रियासतों पर नियंत्रण किया जाने लगा। इसके बाद 1857 की क्रांति के समय 1 जुलाई को सहादत खान एवं उनके साथियों ने रेसीडेंसी कोठी के मुख्य द्वार को तोपों से उड़ा दिया। जिसमें कोठी का गेट टूट गया था।

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