पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। जिले के मैनपुर वन परिक्षेत्र के दर्जन भर से अधिक गांवों के लोग पिछले 15 दिनों से जंगली हाथियों के आतंक का सामना कर रहे हैं. हाथियों के दल द्वारा फसलें बर्बाद करने और मकानों को नुकसान पहुंचाने के कारण ग्रामीण भयभीत हैं और अपनी सुरक्षा के लिए पेड़ के ऊपर और प्रधानमंत्री आवासों की छतों पर मचान बनाकर रात गुजारने को मजबूर हैं. साथ ही पूरी रात रतजगा करने को मजबूर हैं.
ग्रामीणों ने छतों पर बनाए मचान
मैनपुर क्षेत्र के हाथी प्रभावित ग्राम लुठापारा, खोलापारा छिन्दौला, लेड़ीबहार, सिंहार के ग्रामीणों ने बताया कि हाथियों का दल 15-20 दिनों से मैनपुर कांटादोना जंगल नदी में डेरा डाल दिए हैं और दल में हाथियों की संख्या 40-50 है. हाथियों का दल शाम होते ही अचानक किसी भी गांव में पहुंच रहा है. बड़ी संख्या में हाथियों के चिंघाड़ से ग्रामीणों में भारी दहशत है. गांव के युवा दोपहर के बाद गांव के सीमा में चौकीदारी करते रहते हैं जैसे ही हाथी गांव के तरफ आते दिखाई देता है इसकी सूचना ग्रामीणों को मिलते ही सभी ग्रामीण प्रधानमंत्री आवास की छतों पर अपने बाल बच्चों और बुजुर्गों को लेकर चढ़ जाते हैं. साथ ही आवास में असानी से चढ़ सके इसलिए लकड़ी की सीढ़ियों का निर्माण किया गया है.
ग्रामीणों ने बताया प्रधानमंत्री आवास नहीं होता तो बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता क्योंकि हमारे मकान कच्ची मिट्टी के बने झोपड़ी नुमा है जिसे हाथियों के दल तोड़फोड़ कर रहा है. ग्रामीणों ने कहा, इस क्षेत्र के सभी ग्रामीणों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देना चाहिए. हाथी प्रभावित ग्रामों में जल्द ही प्रधानमंत्री आवास योजना का निर्माण किया जाना चाहिए। आज भी सैंकड़ों ग्रामीण कच्चे झोपड़ी में निवास कर रहे हैं. ऐसे ग्रामीण दूसरे ग्रामीणों के प्रधानमंत्री आवास में आश्रय लेने मजबूर हो रहे हैं. ग्रामीणों ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार के प्रति दिल से आभार जताते हुए कहा सरकार को चाहिए कि गांव से हाथियों को दूर रखने के लिए कोई ठोस योजना बनाया जाए और वन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया जाए. हाथी कोई भी गांव में अचानक पहुंच रहे हैं और रात भर गांव के अंदर और आसपास जमकर धान, मक्का और दलहन-तिलहन की फसल को चौपट कर रहे हैं.
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में बड़ी संख्या में प्रधानमंत्री आवास का निर्माण कार्य अधुरा है, जिनका निर्माण कार्य चल रहा है. इसके कारण सभी ग्रामीण जिसके घर के ऊपर पक्की छत है वहां मचान बनाए है. ग्रामीणों ने बताया हाथियों के द्वारा पूर्व में पक्के मकान के दरवाजे तक को तोड़कर अंदर रखे चावल दाल और अन्य सामग्रियों को सपा चट किया जा चुका है. कई लोगों की जान हाथियों के द्वारा ली गई है. हाथियों के दहशत के बीच अब ठंड का मौसम शुरू हो रहा है. ऐसे में ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.
गांव में लगाए गए सायरन पड़े हैं खराब
हाथियों के बचाव के लिए और गांव में हाथी प्रवेश करने पर खदेड़ने के लिए वन विभाग द्वारा क्षेत्र के कई गांव में सायरन लगाए गए हैं. लेकिन ग्राम लुठापारा का सायरन पिछले एक वर्ष से खराब है. अब तक कोई सुधार नहीं हुआ है. ग्रामीणों ने बताया कि धान की फसल तैयार हो गई है और ऐसे समय में हाथियों के द्वारा पूरी फसल को चौपट किया जा रहा है. किसान खून के आंसू बहाने विवश हो रहे है न उन्हें मुआवजा राशि मिल पा रही है और न ही वन विभाग द्वारा कोई सुरक्षा जिसके कारण ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है.
वन विभाग द्वारा ग्रामीणों को नहीं उपलब्ध कराया गया सुरक्षा उपकरण
हाथी प्रभावित ग्रामों के ग्रामीणों ने बताया कि वन विभाग द्वारा सिर्फ वाहनों में घुम-घुमकर मुनादी कर हाथी आने की सूचना दिया जा रहा है. लेकिन ग्रामीणों के सुरक्षा के लिए जरूरी संसाधन मशाल, मिट्टी तेल, टार्च तक उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. जिसके कारण ग्रामीणों में नाराजगी देखने को मिल रहा है. दो दिन पहले ग्रामीणों ने वन विभाग के गश्त वाहन को गांव में घेराबंदी कर रोके रखा और जमकर नारेबाजी किया. साथ ही हाथियों के दल से स्थायी सुरक्षा की मांग करने लगे. जानकारी के अनुसार पुलिस प्रशासन के पहुंचने के बाद ग्रामीणों वन विभाग के वाहन को छोड़ा.
विधायक ने कहा वन मंत्री से मुलाकात कर समस्या से कराएंगे अवगत
बिन्द्रानवागढ़ विधायक जनक राम ध्रुव ने कहा कि मैनपुर क्षेत्र के कई ग्रामों में लगातार हाथियों का दल किसानों के फसलों को जमकर नुकसान पहुंचा रहा है. वन विभाग और छत्तीसगढ़ सरकार को चाहिए कि तत्काल किसानों को मुआवजा दिया जाए. हाथी प्रभावित ग्रामों के ग्रामीणों को जरूरी संसाधन सुरक्षा के लिए जैसे टार्च, मशाल, मिट्टी तेल तत्काल उपलब्ग्ध कराया जाए. विधायक ध्रुव ने कहा कि वनमंत्री केदार कश्यप से मुलाकात कर हाथी प्रभावित ग्रामों में ग्रामीणों को मुआवजा और जरूरी संसाधन तत्काल उपलब्ध कराने की मांग किया जायेगा.
क्या कहते हैं वनविभाग के एसडीओ
वनविभाग मैनपुर के एसडीओ राजेन्द्र सोरी ने बताया 40 से 45 की संख्या में हाथियों का दल मैनपुर के समीप जंगल में पिछले 15 दिनो से डेरा डाल दिया है. शाम होते ही हाथियों का दल गांव की तरफ पहुंच रहा है. अब तक सैकड़ों एकड़ फसल को चौपट कर दिया है. उन्होंने बताया ग्रामीणों को मशाल, टार्च व जरूरी सुविधा मुहैया कराने उच्च अधिकारियों को पत्र भेजा जा चुका है.
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