Diwali 2024: इस साल दिवाली का त्योहार 31 अक्टूबर 2024 गुरुवार को मनाया जाएगा. दिवाली पर देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने की परंपरा है. दिवाली पूजा के दौरान लक्ष्मी-गणेश की पूजा करने से पूरे साल घर में बरकत बनी रहती है, लेकिन क्या दिवाली के दिन लक्ष्मी माता की आरती करना चाहिए? दरअसल, लोग यह पूजा पूरे परिवार के साथ करते हैं और अक्सर पूजा के अंत में देवताओं की आरती गाई जाती है.
लेकिन लक्ष्मी पूजा पर मां लक्ष्मी की आरती को लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं. कुछ विद्वानों का कहना है कि देवी लक्ष्मी की पूजा आरती के बिना पूरी नहीं होती है. विधि के अनुसार पूजा के बाद आरती करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
Diwali 2024 क्यों नहीं करते आरती?
पूजा-पाठ, हवन-यज्ञ, शुभ कार्य आदि में आरती को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. आरती (आरती करने के नियम) के बिना धार्मिक कार्य पूरे नहीं होते हैं. आरती हमेशा पूजा के अंत में की जाती है. इसलिए, आरती इस बात का प्रतीक है कि पूजा समाप्त हो गई है और देवता चले गए हैं. जैसे किसी मेहमान के जाते समय हम उठ जाते हैं. इसी प्रकार खड़े होकर आरती की जाती है. फिर देवी-देवता चले जाते हैं. इसी तरह यदि लक्ष्मी देवी चली गईं तो आपके जीवन में धन की कमी हो जाएगी.
क्या किया जाए
दिवाली पूजा के दौरान आपको भगवान गणेश और भगवान विष्णु की ही पूजा करनी चाहिए. आप चाहें तो माता लक्ष्मी के मंत्र का जाप कर सकते हैं. इसके अलावा पूजा के दौरान साबुत सुपारी को मौली (कलाव) में लपेटकर पूजा में रखना चाहिए. पूजा के बाद इस सुपारी को लाल कपड़े में लपेटकर अपनी तिजोरी में रखें. वह मां लक्ष्मी का ही एक रूप हैं. साथ ही मां लक्ष्मी की पूजा में साबुत धनिया भी रखना चाहिए.
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