रायपुर। पूर्व मंत्री व अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य मोहम्मद अकबर ने मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह पर राज्य के आदिवासियों के कल्याण व विकास के लिए कार्य करने के बजाय सिर्फ दिखावा करने का आरोप लगाया है। अकबर ने कहा कि डाॅ. रमन सिंह, आदिवासियों के लिए करते कुछ नहीं है लेकिन अपने आपको उनका (आदिवासियों का) हितैषी बताने में पीछे नहीं रहते।
पूर्व अकबर ने बयान जारी कर कहा है कि मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह स्वयं छत्तीसगढ़ जनजाति सलाहकार परिषद के अध्यक्ष हैं इसके साथ ही भाजपा के 19 बड़े नेता भी इसमें शामिल हैं। प्रदेश के आदिम जाति कल्याण मंत्री को इसका उपाध्यक्ष बनाया गया है। भाजपा ने 2013 के चुनावी घोषणा पत्र में भी विशेष संरक्षित एवं विलुप्त जनजातियों के लिए विशेष कार्ययोजना बनाने की बात कही थी।
लेकिन राज्य में जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है। अचानकमार के 10 आदिवासी परिवारों ने नसबंदी पर प्रतिबंध के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। याचिकाकर्ता बैगा परिवारों ने गरीबी के कारण अपने परिवार का लालन-पालन नहीं कर पाने के कारण नसबंदी की मांगी की है। बैगा जनजाति को संविधान में संरक्षित जाति का दर्जा प्राप्त है लेकिन गरीबी और भूखमरी की बेबसी का आलम यह है कि न्यायालय के समक्ष फरियाद लगाने मजबूर होना पड़ रहा है कि नसबंदी से रोक हटा दी जाए।
उन्होंने कहा कि ऐसे हालात इसलिए बने क्योंकि डाॅ. रमन सिंह ने मुख्यमंत्री रहते 14 सालों में बैगा आदिवासियों के लिए कुछ किया ही नहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि सीएम ने सिर्फ झूठे सपने दिखाने का ही काम किया है। मोहम्मद अकबर ने बताया कि बैगा आदिवासियों के पढ़े लिखे बच्चों को नौकरी में दिए गए आरक्षण के प्रावधान में विशेष आरक्षण देने की बात भी कही गई थी। लेकिन इसके तहत नौकरी किसी को नहीं दी गई।
उन्होंने कहा कि कबीरधाम मुख्यमंत्री का गृह जिला है जहां बैगा आदिवासी बड़ी संख्या में निवास करते हैं। इन बैगा आदिवासियों को न तो पीने का साफ पानी और न ही भर पेट भोजन सरकार दे पा रही है। इन्हें चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध नहीं है। डाॅ. रमन सिंह मुख्यमंत्री के साथ जनजाति सलाहकार परिषद के अध्यक्ष भी हैं तो वे बैगा आदिवासियों के विकास व उनके कल्याण के लिए विशेष कार्ययोजना क्यों नहीं बनाते, सिर्फ तरक्की और खुशहाली की कामना से क्या हासिल हो जाएगा।