रायपुर। विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद जहां बीजेपी के भीतर जमकर बवाल मचा लगा हुआ, वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के एक ट्वीट ने बीजेपी के कार्यकर्ताओं को मरहम लगाने का काम किया है. भूपेश बघेल ने अपने ट्वीट में लिखा है कि-
जब जीत का श्रेय ‘सेनापति’ को, तो हार का ठीकरा कार्यकर्ताओं पर क्यों? माफ कीजिएगा! ये आपका अब कोई आंतरिक मामला नहीं रहा क्योंकि किसी भी पार्टी के कार्यकर्ताओं के अपमान का मतलब है – लोकतंत्र पर सीधा प्रहार करना और जब लोकतंत्र खतरे में हो तो हम तटस्थ कैसे रह सकते हैं?
दरअसल बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के उस बयान के बाद पार्टी कैडर में नाराजगी सामने आई थी, जिसमें हार का ठीकरा कार्यकर्ताओं पर फोड़ते हुए कहा गया था कि-कार्यकर्ताओं ने चुनाव में काम नहीं किया. पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू सबसे पहले मुखर हुए. उन्होंने प्रदेश नेतृत्व समेत डॉ रमन सिंह को किसानों से माफी मांगने की नसीहत देते हुए यह कह दिया कि उनके हिस्से के पैसों से मोबाइल फोन सरकार ने बांटा, किसानों से वादाखिलाफी की गई, बीजेपी संगठन की बजाय नौकरशाहों को तवज्जों दिया गया, कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं हुई. पूर्व विधायक देवजीभाई पटेल ने भी उनके इस बयान पर अपना समर्थन दिया था.
इधर राजनीतिक प्रेक्षक मानते हैं कि बीजेपी में बगावत फूटने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने का ट्वीट कार्यकर्ताओं का नजरिया बदलने के लिए काफी होगा. जाहिर है लोकसभा चुनाव की कसौटी पर बीजेपी खरा उतरने की कोशिश में जुट गई है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि कहीं कार्यकर्ताओं की नाराजगी भारी न पड़ जाए.