देहरादून. सीएम धामी ने आज सचिवालय में नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी के साथ राज्य से जुड़े अहम विषयों पर बैठक की. इस दौरान सीएम ने कहा कि उत्तराखंड विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला राज्य है. राज्य में पर्वतीय, मैदानी, भाबर और तराई क्षेत्र हैं. राज्य में आपदा, वनाग्नि, पलायन और फ्लोटिंग जनसंख्या बड़ी चुनौती है. दो देशों की अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं से लगे होने के कारण उत्तराखंड सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है.
सीएम धामी ने नीति आयोग के उपाध्यक्ष से अनुरोध किया कि हिमालयी राज्यों की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए नीतियों का निर्धारण किया जाए. उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों की आजीविका में वृद्धि के लिए विशेष नीति बनाने का अनुरोध भी किया. इससे पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन जैसी बड़ी समस्या का समाधान होगा. सीएम ने कहा कि राज्य सरकार हिम आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़े जाने की एक महत्वाकांक्षी परियोजना पर कार्य कर रही है. इसके दीर्घकालिक परिणाम गेम चेंजर साबित होंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि “नदी-जोड़ो परियोजना“ के क्रियान्वयन के लिए अत्यधिक धनराशि की आवश्यकता है. जिसके लिए उन्होंने इसके नीति आयोग से तकनीकी सहयोग के लिए अनुरोध किया. कहा कि प्रदेश की जनसंख्या मूल रूप से लगभग सवा करोड़ है. लेकिन धार्मिक और पर्यटन प्रदेश होने की वजह से राज्य में इससे 10 गुना लोगों की आवाजाही है. राज्य में फ्लोटिंग जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए आधारभूत और बुनियादी सुविधाओं के विकास की आवश्यकता होती है. उन्होंने नीति आयोग के उपाध्यक्ष से अनुरोध किया कि राज्य में फ्लोटिंग आबादी को ध्यान में रखते हुए राज्य के लिए नीति बने.
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CM ने कहा कि उत्तराखंड आपदा की दृष्टि से बहुत संवेदनशील राज्य है. प्राकृतिक आपदाओं के कारण राज्य को हर साल जन-धन की काफी क्षति होती है. राज्य में विकसित किए गए इंफ्रास्टक्चर प्राकृतिक आपदाओं के कारण काफी प्रभावित होते हैं. उन्होंने अनुरोध किया कि राज्य की प्राकृतिक आपदाओं को ध्यान में रखते हुए नीति बनाई जाए. वनाग्नि भी राज्य की बड़ी समस्या है. राज्य में वनाग्नि की चुनौतियों से समाधान के लिए राज्य को पर्याप्त संसाधनों की आवश्यकता होगी. सीएम ने राज्य के सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए भी विशेष नीति बनाने का अनुरोध किया.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को पूरा करने की दिशा में ’सशक्त उत्तराखंड पहल“ वर्ष 2022 में आरम्भ किया है. जिसके अंतर्गत आगामी पांच वर्षों में राज्य की आर्थिकी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है. वर्तमान में राज्य की आर्थिकी वर्ष 2022 के सापेक्ष 1.3 गुना हो चुकी है. हमने इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए अल्पकालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक रोडमैप तैयार किए हैं.
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नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों की रैंकिंग में उत्तराखंड को प्रथम स्थान मिलने पर मुख्यमंत्री को बधाई दी. उन्होंने कहा कि आज की बैठक में राज्य की प्रमुख चुनौतियों पर विस्तृत चर्चा हुई. उन्होंने इन सभी मुद्दों पर हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया और कहा कि राज्य के आकांक्षी जनपदों और विकासखंडों के विकास के लिए भी नीति आयोग द्वारा हर संभव सहयोग दिया जाएगा.
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