मनेंद्र पटेल, दुर्ग। भिलाई के नेहरू नगर में पूर्व में संचालित बीएसआर हॉस्पिटल के संचालक और नामी शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ. एमके खंडूजा को धोखाधड़ी के मामले में दुर्ग पुलिस ने कोलकाता से गिरफ्तार किया है. आज पुलिस ने उन्हें दुर्ग कोर्ट में न्यायिक रिमांड में लेने के लिए पेश किया गया। डॉ. खंडूजा पर शहर के लोगों से लगभग 100 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप है, वह पिछले 5 साल से लगातार फरार चल रहे थे. इसे भी पढ़ें : CG News: जगदलपुर जाने वाले सावधान, कोंडागांव-केशकाल घाट में इन वाहनों के प्रवेश पर से लगेगी रोक
बता दें कि मामले की जांच के दौरान पुलिस को डॉ. खंडूजा के कोलकाता पश्चिम बंगाल में छिपकर रहने की सूचना मिली. इस पर एसपी दुर्ग जितेंद्र शुक्ला के निर्देश पर उप निरीक्षक वरुण देवता और प्रधान आरक्षक जसपाल सिंह के नेतृत्व में एक टीम को कोलकाता के लिए रवाना किया गया. जहां पहुंचने के बाद उन्होंने लगातार 3 दिनों तक डॉक्टर खनूजा की खोजबीन की और 19 अक्टूबर को लैब में जाकर उनसे संपर्क किया.
पुलिस की पूछताछ में यह बात सामने आई की डॉक्टर खंडूजा ने भिलाई के स्मृति नगर में जुनवानी रोड पर स्थित अपोलो अस्पताल की 50,000 वर्गफुट (3.50 एकड़) जमीन का सौदा शिकायतकर्ता सोनल रूंगटा से किया था. इसके लिए सोनल रूंगटा से 19 करोड़ 14 लाख रुपये बयाना लिया गया था. बाद में डॉक्टर खंडूजा ने उस जमीन को विपिन कुमार अग्रवाल को बेच दिया.
बता दें कि डॉ. खंडूजा पहले बीएसपी में डॉक्टर थे. उसके बाद वहां नौकरी छोड़कर उन्होंने खुद का बीएसआर हॉस्पिटल शुरू किया था. हॉस्पिटल मैनेजमेंट में गड़बड़ी की वजह से डॉ. खंडूजा पर कर्ज बढ़ता गया, यहां तक अस्पताल के डॉक्टरों और स्टॉफ का वेतन रुक गया. इसके अलावा उनके ऊपर बैंक का भी बड़ा लोन था.
बैंक का लोन पटाने के लिए उन्होंने शहर के नामी लोगों को धोखे में रखकर पैसे लिए. वहीं हॉस्पिटल को मनोज अग्रवाल के अलावा आशीष मित्तल और सुमन मित्तल को बेच दिया. इसके बाद बैंक का लोन जमा किया और भिलाई छोड़कर फरार हो गए. उनका बेटा रोहितास खंडूजा और पत्नी अस्पताल के डायरेक्टर थे, जो अभी भी यहीं रह रहे हैं.
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