विक्रम मिश्र, लखनऊ। हरियाणा चुनाव में विजय पताका फहराने के बाद उत्तर प्रदेश में भी भाजपा वही रणनीति लागू करने की फिराक में है। एससी-एसटी आरक्षण में उपवर्गीकरण के फैसले को लागू करने के हरियाणा भाजपा सरकार के फैसले ने यूपी में भी सियासी पारा चढ़ा दिया है। यूपी के डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने हरियाणा सरकार के फैसले का स्वागत किया है। जिसका सियासी निहितार्थ निकाला जा रहा है। अगर दलित आरक्षण में उपवर्गीकरण नई नीति उत्तर प्रदेश में लागू होती है तो निश्चित ही इस पर सियासी भूचाल आना तय है।
दलितों की सियासत करने वाली बहुजन समाज पार्टी, सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण के उपवर्गीकरण का विरोध कर रही है। जिसको लेकर हाल में बसपा की तरफ से एक बड़ा प्रदर्शन भी लखनऊ में किया गया था। मायावती ने हरियाणा में इसी मुद्दे को हथियार बनाकर चुनावी बिगुल भी फूंका था। लेकिन वहां सफलता नहीं मिली। जबकि भाजपा की सरकार हरियाणा में दूसरी बार बन गई।
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अब भारतीय जनता पार्टी ने इसी पर अपना फोकस बना लिया है। वहीं समाजवादी पार्टी के पीडीए का हल भी इसी नीति से भाजपा निकालने की कोशिश में है। बीजेपी ने दलित के बीच पैठ जमाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को जीत का हथियार भी बनाया। जिससे कि हरियाणा में भगवा लहरा पाने में भाजपा को सफलता भी मिली थी। कहने में कोई शंका नहीं कि दलितों की कई उपजातियों ने भाजपा का समर्थन भी इस मुद्दे पर किया है। जिसका लिटमस टेस्ट BJP अब उत्तर प्रदेश में भी करने को तैयार है।
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