लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती पर विवादित बयान को लेकर यूपी की सियासत गरमा गई है. बसपा के साथ सपा ने भी बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर इसे बीजेपी के नेता ने इसे नैतिक दिवालियापन और हताशा का प्रतीक बताया है. अखिलेश यादव ने कहा, अखिलेश यादव ने कहा, ”मुगलसराय से बीजेपी की महिला विधायक ने जिस तरह के आपत्तिजनक अपशब्द सुश्री मायावती जी के लिए प्रयोग किए हैं वे घोर निंदनीय हैं. ये बीजेपी के नैतिक दिवालियापन और हताशा का प्रतीक है. ये देश की महिलाओं का भी अपमान है.”
मुगलसराय से भाजपा की महिला विधायक ने जिस तरह के आपत्तिजनक अपशब्द सुश्री मायावती जी के लिए प्रयोग किए हैं वे घोर निंदनीय हैं. ये भाजपा के नैतिक दिवालियापन और हताशा का प्रतीक है. ये देश की महिलाओं का भी अपमान है.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 19, 2019
वहीं बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने भी भाजपा विधायक साधना सिंह पर करारा हमला किया है. उन्होंने कहा, ”बीजेपी नेता ने हमारी पार्टी की मुखिया मायावती के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया. लगता है कि एसपी-बीएसपी गठबंधन के बाद बीजेपी के नेताओं ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है. उन्हें आगरा और बरेली के मानसिक अस्पतालों में भर्ती होना चाहिए. उत्तर प्रदेश में गठबंधन के बाद अब बीजेपी एक सीट भी नहीं जीतेगी. जिसकी वजह से ये लोग परेशान हैं.”
आपको बता दें कल भाजपा विधायक साधना सिंह ने बसपा सुप्रीमो मायावती के ऊपर विवादित टिप्पणी करते हुए उन्हें किन्नर से भी बदतर बताया था. साधना सिंह ने कहा, “हमको तो यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री न तो महिला में लगती हैं न जेंट्स में लगती हैं. इनको तो अपना सम्मान ही नहीं समझ मे आता है. जिस महिला का इतना बड़ा चीरहरण हुआ.
#WATCH:BJP MLA Sadhna Singh says about BSP chief Mayawati, “jis din mahila ka blouse, petticoat, saari phat jaaye, wo mahila na satta ke liye aage aati hai. Usko pure desh ki mahila kalankit maanti hai.Wo to kinnar se bhi jyada badtar hai, kyunki wo to na nar hai, na mahila hai.” pic.twitter.com/w3Cdizd8eR
— ANI UP (@ANINewsUP) January 19, 2019
आज की महिला सब कुछ लूट गया उसके बाद भी कुर्सी पाने के लिए अपने सारे सम्मान को बेच दिया. ऐसी महिला नाम लेने वाली मायावती का हम इस कार्यक्रम के माध्यम से तिरस्कार करते हैं. जो महिला नारी जात पर कलंक है. जिस महिला का आबरू लुटते समय भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने ही बचाया था. वह महिला सुख सुविधा के लिए अपने वर्चस्व को बचाने के लिए अपने अपमान को पी लिया. महिला अगर सत्ता के लिए अपने अपमान को सहन करत है वह महिला के नाम पर कलंक की तरह है. इस नाते की हम लोगो को वो महिला कहने में भी संकोच होता है की वो तो किन्नर से भी ज्यादे बदतर हैं.”