दिल्ली महिला आयोग (DCW) ने सोमवार को जारी किए गए एक आदेश में अपने सभी संविदा कर्मचारियों की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दीं. दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) ने भाजपा को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि यह निराशाजनक है कि पार्टी ने दिवाली पर सैकड़ों DCW कर्मचारियों को बेरोजगार कर दिया .

DCW ने 29 अप्रैल को महिला एवं बाल विकास (DCW) के आदेश का हवाला दिया, जिसमें LG ने कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने की अनुमति दी थी.

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आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया में अनियमितता की शिकायतें थीं और संविदा कर्मचारियों की भर्ती नियमों के खिलाफ की गई थी. DCW में 223 संविदा पद बनाए गए थे, लेकिन इस साल अप्रैल में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने उनकी सेवाएं समाप्त कर दीं. तब आयोग में 52 कर्मचारी कार्यरत थे.

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DCW के संविदा कर्मचारियों को समाप्त करने का निर्देश अप्रैल में जारी किया गया था, लेकिन DCW कार्यालय आदेश सोमवार को जारी कर कर्मचारियों को सूचित किया गया.

सूत्रों ने बताया कि जून 2017 में तत्कालीन LG द्वारा नियुक्त एक समिति ने कहा कि नियुक्त किए गए संविदा कर्मचारियों को स्वीकृत पदों पर बिना उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना जारी रखना नहीं चाहिए.

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“AAP” ने कहा कि यह विरोधाभासी है कि भाजपा ने दिल्ली सत्ता में आने के बाद संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त LG ने DCW कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दीं. इन आरोपों पर भाजपा ने तुरंत प्रतिक्रिया नहीं दी.

स्वाति मालीवाल ने की फैसला वापस लेने की अपील

DCW की पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल का बयान सामने आया है. उन्होंने X पर पोस्ट करते हुए कहा, ” मैं DCW में कार्यरत मेहनती संविदा कर्मचारियों को अचानक हटाए जाने की कड़ी निंदा करती हूं. इन लोगों ने राजधानी में महिलाओं और लड़कियों के लिए काम करने में अपना दिल और आत्मा लगा दी है. दरअसल, जब से दिल्ली सरकार ने इनका फंड बंद किया है, तब से ये कई महीनों से बिना वेतन के काम कर रहे हैं. DCW के वर्तमान सदस्य सचिव का यह आदेश गैरकानूनी और दुर्भावनापूर्ण है. मैं दिल्ली सरकार और माननीय LG से अपील करती हूं कि इस आदेश को तत्काल वापस लिया जाए और आयोग के कर्मचारियों को बहाल किया जाए. दिल्ली सरकार को दिवाली से पहले उन्हें वेतन भी देना चाहिए.”

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