हेमंत शर्मा, इंदौर। शहर में डेंगू और चिकनगुनिया का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसके चलते नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। कुछ दिनों पहले स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया था कि उन्होंने डेंगू के मच्छरों का लार्वा नष्ट करने के लिए ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया है, लेकिन शहर में बढ़ते मामलों ने इस दावे पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

ड्रोन से लार्वा नष्ट करने का दिखावा?

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने गांधी हॉल में ड्रोन के माध्यम से मच्छरों के लार्वा नष्ट करने का बड़ा प्रदर्शन किया था। मीडिया के सामने इस तकनीक के उपयोग का जोरशोर से प्रचार किया गया, और दावा किया गया कि इससे डेंगू के प्रकोप को कम किया जाएगा। लेकिन शहर में लगातार सामने आ रहे नए मामलों ने इस अभियान की सफलता पर सवालिया निशान लगा दिया है।

बढ़ते मामलों से चिंतित जनता

इंदौर में डेंगू के मामलों की संख्या अब 500 के पार पहुंच चुकी है, जबकि चिकनगुनिया के भी 20 से अधिक एक्टिव केस सामने आए हैं। जनता अब नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग से यह सवाल पूछ रही है कि अगर ड्रोन तकनीक इतनी प्रभावी थी, तो आखिर डेंगू के मामलों में कमी क्यों नहीं आई? जनता की चिंता यह है कि क्या स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम केवल दिखावे के अभियान चला रहे हैं, या फिर वास्तव में समस्या के समाधान के लिए गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं?

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