दीपक ताम्रकार, डिंडोरी। शासन की मंशा थी कि सूखाग्रस्त जिलों में अमृत सरोवर निर्माण से पानी की समस्या से ग्रामीणों को निजात मिलने के साथ क्षेत्र के जल स्तर को भी बढ़ावा मिलेगा। इसी के चलते अमृत सरोवर जैसी महत्वाकांक्षी योजना डिंडोरी जिले में लागू की गई। अरबों रुपए की लागत से जिले के सातों विकास खंडों में बड़ी संख्या में ऐसी जगहों को चिन्हित कर अमृत सरोवर का निर्माण कराया गया। जहां बारिश के पानी को बड़ी मात्रा में इकट्ठा किया जा सके। जिससे उस क्षेत्र में भूजल इस्तर को भी बढ़ाया जाए। लेकिन ग्राम बरसिंघा में बने अमृत सरोवर तालाब भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गया। जिसकी जांच कलेक्टर हर्ष सिंह करवाने की बात कह रहे है।


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ग्राम बरसिंघा माल में अमृत सरोवर तालाब का निर्माण ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग के एसडीओ और उपयंत्री की देखरेख में करता गया है। जिसमें मनमानी कार्य कराते हुए महत्वाकांक्षी योजना महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना पर ही सवाल खड़े करवा दिए हैं। तालाब से लगातार पानी का रिसाव हो रहा है ग्रामीणों का कहना है की गर्मी तक पानी रुकेगा कह नहीं सकते। वही ग्रामीण जांच की मांग शासन और जिला प्रशासन से कर रहे है।

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बतादें कि डिंडोरी जिला के अमरपुर विकासखंड क्षेत्र की ग्राम बरसिंघा माल का यह अमृत सरोवर तालाब जिसे लगभग 58 लाख रुपए की लागत स मुतराही नाला में साल भर पहले निर्माण कराया गया था। जो बनकर तैयार तो हुआ लेकिन बारिश के पानी को इकट्ठा करने में कमजोर साबित हो रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग के जिम्मेदारों ने सही और ठोस काम नहीं कराया। जिसके चलते बारिश का पानी तालाब से लगातार रिसाव होकर आगे व्यर्थ बह रहा है। वहीं इस पूरे मामले को संज्ञान में लेते हुए कलेक्टर हर्ष सिंह ने सीईओ जिला पंचायत की मौजूदगी में जांच टीम गठित करने की बात कही है। कलेक्टर का कहना है की सीईओ जिला पंचायत स्वयं सिंघा माल में जाकर तालाब की जांच करेंगे और जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। जैसा जांच रिपोर्ट में सामने निकलकर आएगा उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

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जानकारी के अनुसार, पानी का रिसाव न दिखे इसके लिए तालाब की निचले हिस्से में फसल लगवा दी गई। जिससे बहता हुआ पानी न दिखाई दे और कमी ढकी रहे। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि बारिश अभी समाप्त ही हुई है और तालाब का पानी कम बचा हुआ है। यही रिसाव के हालात बने रहे तो गर्मी के दिनों में जल संकट फिर गरमा जाएगा और ग्रामीण और मवेशी प्यासे रह जाएगी।

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