Petition In Wife Gender Test: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) पहुंचे पति (Husband) ने अजीब अर्जी दाखिल की है। पति ने पत्नी की लिंग जांच कराने का आदेश देने की गुहार हाईकोर्ट से लगाई है। याचिकाकर्ता पति का कहना है कि उसकी शादी धोखे से ट्रांसजेंडर (Transgender) युवती से कराई गई है। ऐसे में वह कभी भी न तो बच्चा पैदा कर सकेगा और न ही अपने परिवार को बढ़ा पाएगा। युवक ने याचिका लगाकर पत्नी के पूरा मेडिकल टेस्ट का खर्चा उठाने की बात कही है। साथ ही अपना टेस्ट की कराने की रजामंदी दी है।

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याचिका में पति ने दावा किया कि शादी से पहले मायके वालों ने उससे ये बात छुपाई गई कि उसकी होने वाली पत्नी एक ट्रांसजेंडर है। इस छल कपट से उसे मानसिक सदमा लगा है। ऐसे में उसकी शादी अधूरी और गैरकानूनी है।

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याचिका में कहा गया है कि यूं तो जेंडर की पहचान बहुत निजी मामला है, लेकिन शादी के मामले में यह पति-पत्नी दोनों के अधिकारों को अफेक्ट करता है। पति ने तर्क दिया कि उसकी पत्नी को भरण-पोषण, या महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष रूप से बनाए गए कानूनों के तहत आरोप लगाने का अधिकार नहीं है क्योंकि वह इन कानूनों के तहत ‘महिला’ के रूप में योग्य ही नहीं है।

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पत्नी की मेडिकल जांच का खर्च वहन करने के लिए पति तैयार है और अगर जरूरत पड़ी तो वह खुद की भी मेडिकल जांच कराने को तैयार है। युवक ने पहले ट्रायल कोर्ट में याचिका दायर कर अपनी पत्नी के लिंग की जांच के लिए मेडिकल बोर्ड गठित करने की मांग की थी।

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ट्रायल कोर्ट से खारिज हो चुकी है याचिका

हालांकि पति ने पहले याचिका ट्रायल कोर्ट में लगाई थी। ट्रायल कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी थी। अब, वह हाईकोर्ट से इस मामले में दखल देने की गुहार लगा रहे हैं। उनका कहना है कि जांच के उनके अधिकार से समझौता किया जा रहा है, लेकिन न्याय के लिए ये मेडिकल जांच जरूरी है।

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पत्नी ने घरेलू हिंसा और दहेज कानून के तहत लगाए आरोप

मामले में याचिकाकर्ता पति के वकील अभिषेक कुमार चौधरी और जितेन्द्र कुमार तिवारी ने दलील दी कि जानकारी छिपाए जाने के चलते ही युवक के खिलाफ कई झूठी कानूनी कार्रवाई हुई हैं। इनमें घरेलू हिंसा और दहेज कानून के तहत भी आरोप लगाए गए हैं। याचिका में जीवन और सम्मान के मौलिक अधिकारों के बीच बैलेंस बनाने के महत्व को हाईलाइट किया गया है।संविधान के अनुच्छेद 21 का हवाला देते हुए इस बात पर जोर दिया गया है कि विवाह में दोनों पक्ष निष्पक्षता और पारदर्शिता के हकदार है।

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