पूर्व महिला पहलवान साक्षी मलिक ने अपने हालिया इंटरव्यू में बबिता फोगाट पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें उन्होंने कहा कि बबिता ने पहलवान आंदोलन के दौरान अपने साथी पहलवानों को धोखा दिया. साक्षी ने आरोप लगाया कि बबिता खुद भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) की अध्यक्ष बनने की ख्वाहिश रखती थीं और इसलिए उन्होंने पहलवानों को विरोध प्रदर्शन के लिए उकसाया.
साक्षी के बयान के बाद, WFI के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह ने टिप्पणी करते हुए कहा कि वह इस मुद्दे पर ज्यादा कुछ नहीं बोलना चाहेंगे, लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि “होइहे वही जो राम रची राखा” इसके साथ ही, उन्होंने महाराष्ट्र की राजनीति में बीजेपी और उद्धव ठाकरे के संबंधों को “नेचुरल” करार दिया.
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साक्षी ने अपने आरोपों में कहा कि विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया की वजह से किसानों का आंदोलन कमजोर हुआ. उनका कहना था कि बबिता ने प्रदर्शन को समर्थन देने में बीजेपी नेताओं तीरथ राणा और बबिता फोगाट का नाम लिया. इन आरोपों पर बबिता फोगाट ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए साक्षी पर तंज कसा. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “खुद के किरदार से जगमगाओ, उधार की रोशनी कब तक चलेगी.” बबिता ने यह भी कहा कि साक्षी अपनी किताब बेचने के चक्कर में अपने ईमान को बेच रही हैं.
प्रियंका गांधी और दीपेंद्र हुड्डा के इशारे पर बोल रहीं साक्षी- महावीर
बबिता के पिता, महावीर सिंह फोगाट ने भी साक्षी पर आरोप लगाया कि वह प्रियंका गांधी और दीपेंद्र हुड्डा के इशारे पर बोल रही हैं. उन्होंने कहा कि पहलवानों के धरना प्रदर्शन में उन्होंने भी भाग लिया था और यह सब राजनीतिक स्वार्थ के लिए किया गया. इस पूरे मामले में आरोप-प्रत्यारोप की एक लंबी श्रृंखला चल रही है, जिससे भारतीय कुश्ती जगत में खासी हलचल मची हुई है. साक्षी और बबिता के बीच का यह विवाद न केवल उनके व्यक्तिगत संबंधों को प्रभावित कर रहा है, बल्कि इससे कुश्ती समुदाय में भी अस्थिरता उत्पन्न हो रही है.
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