Jharkhand Assembly Election: झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी (BJP) को झटका लगने का दौर जारी है। परिवारवाद (nepotism) का आरोप लगाकर पूर्व IPS राजीव रंजन सिंह (Rajiv Ranjan Singh) ने पार्टी छोड़ दी है। चुनाव को लेकर बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों की पहली सूची 19 अक्टूबर को जारी की थी। उसके बाद से नेताओं का पार्टी से पलायन जारी है।

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बता दें कि राजीव रंजन को बीजेपी ने झारखंड विधानसभा का टिकट नहीं दिया है। इससे वे नाराज चल रहे थे। हालांकि अपने त्यागपत्र में उन्होंने टिकट ना दिए जाने को कारण नहीं बताया है।

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बाबूलाल मरांडी के नाम लिखे त्यागपत्र में उन्होंने लिखा कि- ‘इस्तीफा का कारण यह नहीं है कि मुझे भारतीय जनता पार्टी द्वारा विधानसभा चुनाव का टिकट नहीं बनाया गया. मुख्य कारण यह है कि बीजेपी के टिकट बंटवारे में जिस तरह से परिवारवाद हावी रहा, यह दर्शाता है कि बीजेपी अपने नीतियों एवं विचारों से और संघ के मूल्यों एवं आदर्शों के बिल्कुल विपरीत कार्य कर रही है।

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उन्होंने आगे लिखा, ”मैं उन तमाम बीजेपी के वैसे कार्यकर्ता जो संघ के विचारों से जुड़े रहे हैं और आज विवश होकर बीजेपी से इस्तीफा दिए हैं। उन तमाम कार्यकर्ताओं को मैं सलाम करता हूं। वर्तमान परिस्थितियों में मुझे भी पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के पुस्तकों में लिखे आदर्शों एवं मूल्यों का ध्यान आने के बाद, यह जानने के बाद महसूस हुआ कि बीजेपी गलत रास्ते पर चल रही और बीजेपी को आइना दिखाने के लिए विरोध प्रकट करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

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राजीव रंजन ने इस्तीफे में आगे लिखा, ”मैं एक आईपीसी अधिकारी रहा हूं और 32 वर्षों तक बहुत ही निष्पक्षता एवं निडरता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन किया हूं। 6 जिलों में एसपी रहने के दौरान मैं कई बार मूल्यों एवं आदर्शों को बनाए रहने के कठोर निर्णय अपने कार्यकाल के दौरान लिए थे, जिससे उस समय के आलाकमान खुश नहीं रहे होंगे, फिर भी मैं सही कार्यों को किया।

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दो दिन पहले हेमंत सोरेन को हराने वाली लुईस मरांडी ने दिया था इस्तीफा

इससे पहले हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को हराने वाली पूर्व मंत्री लुईस मरांडी ने भाजपा का दामन छोड़कर JMM से नाता जोड़ लिया था। सोमवार रेद रात लुईस मरांडी के साथ पूर्व भाजपा विधायक कुणाल सारंगी और लक्ष्मण टुडू ने भी झामुमो का दामन थाम लिया था। दरअसल बीजेपी इस बार भी लुईस मरांडी को बरेहट से उतारकर 2014 जैसा खेल करना चाह रही थी। हालांकि सोमवार देर रात हेमंत ने पहले ही खेल कर दिया। बीजेपी छोड़ने के बाद लुईस ने कहा है कि मुझे चुनाव लड़ना है और हेमंत सोरेन जहां से कहेंगे, वहां से लड़ लूंगी।

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13 और 20 नवंबर को दो चरणों में मतदान
बता दें कि झारखंड विधानसभा चुनाव दो चरणों में संपन्न कराए जाएंगे। झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में से 43 पर पहले चरण का मतदान 13 नवंबर को होगा। वहीं, दूसरा चरण 20 नवंबर को 38 सीटों पर कराया जाएगा। इसके बाद 23 नवंबर को मतगणना के बाद राज्य में नई सरकार का ऐलान हो जाएगा।

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