सुशील सलाम, कांकेर। कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा विकासखंड अंतर्गत बांदे के पूर्व माध्यमिक शाला में अध्ययनरत बच्चों को बैंक से कर्ज लेकर मध्यान भोजन खिलाया जा रहा है. शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते मध्यान्ह भोजन बनाने वाले समिति को पिछले 11 महीने से पैसा नहीं मिल रहा है. ऐसे में बच्चों को भूखे पेट पढ़ाई ना करना पड़े, इसके लिए समिति ने बैंक से लोन लिया है और बच्चों को मिड-डे मील खिला रही है.

समिति के लोगों ने बताया कि बीते वर्ष और इस वर्ष अब तक कुल 11 महीने का पैसा समिति को नहीं दिया जा रहा है. कई बार अधिकारी के चक्कर भी लगा चुके पर अधिकारी समिति की इस परेशानी की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं. समिति ने बेबस होकर बैंक का दरबाजा खटखटाया और वहीं से 3 लाख का कर्ज लिया और निरंतर बच्चों को मध्यान्ह भोजन खिला रहे हैं पर अधिकारी सुध नहीं ले रहे हैं.

बता दें कि ग्राम पंचायत बांदे के माध्यमिक शाला में कुल 104 बच्चे पढ़ते हैं, जिनके लिए प्रतिदिन भोजन तैयार किया जाता है. राज्य सरकार की ओर से बच्चों के भोजन के लिए करोड़ों रुपये का बजट तय होता है ताकि वे खाली पेट पढ़ाई न करें, लेकिन इस स्कूल में संचालित मध्यन्ह भोजन को संचालन करने वाले सरस्वती महिला स्व सहायता समूह को पिछले 11 महीने से सरकार से मिलने वाले राशि नहीं मिल रही है. जिसके चलते समिति के महिलाओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

समिति के लोग लगातार अधिकारी के चक्कर लगाते रहे लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है. 11 महीने से पैसे नहीं मिलने के कारण का जब लल्लूराम डॉट कॉम की टीम ने पता लगाया तो पता चला की जो समिति संचालित कर रहे हैं उनके खाता नंबर बदल दिया गया और उनके मेहनत और बच्चों के हक दूसरे खाते में जमा हो रहा है. इस मामले में अब BEO देव कुमार शील जल्द समिति को पैसा भुगतान की बात कर रहे है.