भुवनेश्वर. मंत्री सुरेश पुजारी ने बताया कि अब ध्यान लोगों के पुनर्वास पर है और आज सर्वेक्षण के बाद यह प्रक्रिया शुरू होगी. अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि आकलन त्रुटिरहित हो. कम से कम चार सरकारी अधिकारियों, जिनमें तीन पीईओ शामिल हैं, को कर्तव्य में लापरवाही और लोगों के साथ कठोर शब्दों में बात करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है. कुछ अधिकारियों पर लगे आरोपों की जांच जारी है, यह जानकारी राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री पुजारी ने शनिवार को दी.
मंत्री पुजारी ने कहा, “जिन सरकारी अधिकारियों ने आपातकाल के दौरान जनता की सेवा की है, उन्हें सराहा जाएगा और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.” उन्होंने बताया कि प्रारंभिक आकलन के अनुसार, 13 जिलों में कई मकान आंशिक और पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं और कृषि भूमि प्रभावित हुई है. राज्य ने अपने इतिहास का सबसे बड़ा निकासी अभियान भी चलाया है.
पुजारी ने कहा, “एक केंद्रीय टीम भी जल्द ही नुकसान के आकलन के लिए दौरा कर सकती है. केंद्र से धनराशि मिलने से पहले राज्य सरकार अपने स्तर पर वितरित करना शुरू कर देगी. 22 लाख घरों में बिजली बहाल की जा चुकी है और बाकी का काम आज शाम तक पूरा कर लिया जाएगा.”
भारी बारिश के बाद कुछ क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति बनने के बावजूद, ओडिशा सरकार ने शनिवार को कहा कि आपातकालीन स्थिति का सामना करने के प्रयास जारी हैं. मंत्री पुजारी ने बताया कि राज्य सरकार ने ‘शून्य मृत्यु लक्ष्य’ निर्धारित किया था, जो अधिकारियों, जनता और बचाव दलों के समन्वित प्रयासों से सफल रहा है.
वहीं, राज्य सरकार ने यह भी कहा कि अब तक किसी क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न नहीं हुई है. बुधबलंगा खतरे के निशान से ऊपर नहीं बह रही है, लेकिन हम स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं, राजस्व मंत्री ने कहा.
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