रायपुर– विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद भाजपा में अंतर्कलह थम नहीं रहा. बरसों से दबाए दर्द एक-एक कर बाहर आ रहे हैं. आखिरकार आज सांसद रमेश बैस का दर्द छलक गया. रमेश बैस बीजेपी के वरिष्ठ सांसद है. उन्होंने कहा कि रमन सरकार में योजनाओं को लेकर कार्यकर्ता क्या, नेताओं से भी पूछा नहीं जाता था, केवल सरकार योजना बनाती थी, उसे सब को पालन करना पड़ता था. योजना के शुरू होने और क्रियान्वयन को लेकर कहा कि किसी भी योजना के लिए किसी से भी नहीं पूछा जाता था. दर्द छलकने के बाद रमेश बैस ने अपनी बात को सुधारते हुए कहा कि व्यक्तिगत रूप से मुझसे पूछा जाता था लेकिन कई नेता तो यही कहते थे उनसे नहीं पूछा जाता.
आपको बता दें कि पिछले दिनों पूर्व कृषिमंत्री चंद्रशेखर साहू ने हार के लिए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को जिम्मेदार बताया था. उन्होंने कहा था कि नेताओं को किसानों से माफी मांगी जानी चाहिए. किसानों को दो साल का बोनस नहीं दिया जाना वादाखिलाफी थी. किसानों के हक के पैसे से प्रदेश में मोबाइल बांटा गया. इन्हीं सब कारणों की वजह से किसान बीजेपी से दूर हो गया और हालात सामने है. उन्होंने कहा है कि नेतृत्व की गलत नीतियों की वजह से हम आने वाले दस साल तक सत्ता से दूर हो गए हैं.
वही भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य शिव नारायण द्विवेदी ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक को पत्र सौंपकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. डॉ. द्विवेदी ने भाजपा के प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बन जाने पर भी सवाल उठाते हुए कहा था कि लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी ने हारे हुए नेताओं को क्लस्टर की जिम्मेदारी दी है. इससे सभी कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा हुआ है.