Rajasthan News: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर कड़ा हमला बोला है। पायलट ने कहा कि सरकार सिर्फ गाय और धर्म के नाम पर वोट बटोरने में माहिर है, लेकिन उनके पास इस बात का कोई डेटा नहीं है कि उन्होंने गायों की सुरक्षा पर कितना खर्च किया है। उन्होंने कहा, “सरकार केवल वोट हासिल करने के लिए इन मुद्दों का इस्तेमाल करती है, लेकिन लोग इस चाल को समझ चुके हैं और उन पर भरोसा करना बंद कर चुके हैं।

सरकार आंकड़े छिपाने में माहिर
सचिन पायलट ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की मंशा हमेशा से आंकड़े दबाने की रही है। उन्होंने कहा, गाय, गरीब, बेरोजगार, और जातिगत गणना जैसे महत्वपूर्ण आंकड़ों को जनता के सामने प्रस्तुत करने में सरकार ने कभी ईमानदारी नहीं दिखाई है। यह सरकार केवल प्रचार के नारे देती है, लेकिन सच्चाई को छिपाकर रखती है।
एनएसएसओ और सांख्यिकी विभाग के आंकड़े भी सामने नहीं आए
पायलट ने मीडिया से बातचीत में बताया कि बेरोजगारी और गरीबी के आंकड़े भी जनता के सामने नहीं लाए गए हैं। उन्होंने कहा, सरकार अपने प्रचार के लिए नारे तो देती है, लेकिन न तो NSSO के आंकड़े और न ही भारत सरकार के सांख्यिकी विभाग के डेटा जनता के सामने पेश किए जा रहे हैं।
कोविड का बहाना बनाकर जनगणना टाली गई
पायलट का कहना है कि सरकार ने कोरोना वायरस का बहाना बनाकर जातिगत जनगणना को जानबूझकर टाल दिया। उन्होंने आरोप लगाया, हमारी पार्टी हमेशा जातिगत जनगणना की मांग करती रही है, लेकिन केंद्र सरकार ने इसे जानबूझकर स्थगित किया और मौजूद आंकड़ों को भी प्रकाशित नहीं किया।
जातिगत जनगणना और लक्षित बजट आवंटन की आवश्यकता
पायलट ने स्पष्ट किया कि जनगणना और जातिगत आंकड़ों के बिना नीति निर्माण अधूरा है। उन्होंने कहा, जब तक सरकार लक्षित बजट आवंटन नहीं करेगी, तब तक प्रभावी नीति निर्माण नहीं होगा। जातिगत जनगणना का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों को उचित लाभ पहुंचाना है।
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