Rajasthan News: जयपुर की जिला उपभोक्ता आयोग, द्वितीय ने केनरा बैंक, वैशाली नगर पर 45 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना उस मामले में लगाया गया जिसमें बैंक ने पति-पत्नी के ज्वाइंट लॉकर को पति को सूचना दिए बिना बंद कर दिया। आयोग ने बैंक की इस कार्यवाही को अनुचित माना और कहा कि जब पत्नी हेतल चावड़ा खाता बंद कराने बैंक आईं, तो बैंक को उस वक्त पति को जानकारी देनी चाहिए थी।

देवेंद्र पुरषोत्तम चावड़ा ने दर्ज किया परिवाद

परिवादी देवेंद्र पुरषोत्तम चावड़ा ने शिकायत दर्ज कराई कि बैंक ने ज्वाइंट खाताधारक होने के बावजूद उन्हें सूचित किए बिना लॉकर बंद कर दिया, जिसके कारण उनका लॉकर में रखा कीमती सामान हाथ से चला गया। इस घटना से उन्हें मानसिक और आर्थिक कष्ट का सामना करना पड़ा। आयोग के अध्यक्ष ग्यारसी लाल मीना और सदस्य हेमलता अग्रवाल ने इस आदेश पर सहमति जताई।

ज्वाइंट लॉकर के लिए 11 हजार रुपये की एफडी

वकील योगेंद्र सिंह के अनुसार, देवेंद्र और उनकी पत्नी हेतल चावड़ा ने 10 अक्टूबर 2013 को सिंडिकेट बैंक में ज्वाइंट लॉकर खुलवाने के लिए 11 हजार रुपये की एफडी कराई थी। 2022 में बैंक ने नोटिस भेजकर बताया कि नया लॉकर एग्रीमेंट न करने पर लॉकर बंद कर दिया जाएगा। इसके बाद पत्नी हेतल ने बैंक में जाकर दस्तखत किए, लेकिन पति को सूचित नहीं किया गया।

पत्नी ने चाबी देने से किया इनकार

जब देवेंद्र ने पत्नी से लॉकर की चाबी मांगी, तो पत्नी ने मना कर दिया। विवाद बढ़ने पर उन्होंने बैंक से डुप्लीकेट चाबी की मांग की, लेकिन बैंक ने दोनों खाताधारकों के दस्तखत के बिना चाबी देने से मना कर दिया। 28 मार्च 2023 को उन्हें ईमेल के जरिए पता चला कि लॉकर बंद हो गया है। इसके बाद वह उपभोक्ता कोर्ट गए, जहां कोर्ट ने ज्वाइंट लॉकर बंद करने के फैसले को गलत करार दिया और बैंक पर जुर्माना लगाया।

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