शशांक द्विवेदी, खजुराहो। दिवाली पर बाजार गुलजार है। इसी बीच खजुराहो से 15 किलोमीटर दूर प्रजापति परिवार के द्वारा बनाए गए मैजिक दिए बाजार में हांथों हाथ बिक रहे हैं। मिटटी से गोलक के आकार में बनाए इस मैजिक दियों की मांग देशी मार्केट के साथ-साथ विदेशी मार्केट में भी हो रही है।
कुछ खास हैं ये दिए
गुल्लक के आकार और कछुए की आकृति में मिटटी से बने ‘मैजिक दिए’ की खास बनावट लोगों को काफी पसंद आ रही है। ये दिए खजुराहो से 15 किलोमीटर दूर प्रजापति परिवार के द्वारा अपनी पैतृक व्यवसाय को बढाने और आज की नई सोच को दर्शाता है। प्रजापति परिवार के द्वारा बनाए गए मैजिक दियों का नाम आखिर मैजिक क्यों रखा, इसकी खास वजह है। दरअसल इसमें भी आम दियों की तरह तेल डाला जाता है, लेकिन इसमें तेल उल्टा डाला जाता है। जिसके बाद तेल अंदर ही लॉक हो जाता है। इसके बाद दिए को सीधा खड़ा रख देते है। उसके बाद कॉटन की बत्ती बनाकर उसको दिए में रखकर आम दियों की तरह घंटों जलता रहता है।
दिए को उल्टा करके डालते हैं तेल
बताया गया की दिए में तेल डालने के बाद वह दिए में लॉक हो जाता है। और इसके बाद सीध रख देते हैं। फिर बत्ती बनाकर उसको दिए में रखकर आम दियों की तरह जलाते हैं जो मैजिक लैंप की तरह दिखता है। देवीदीन प्रजापति के बेटे ने बताया कि, वह अपनी पीढ़ियों की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए 25 सालों से मैजिक दिए बनाते आ रहे हैं। यह मैजिक दिए सिर्फ उनके परिवार के द्वारा ही बनाए जाते हैं।
दशी और विदेशी मार्केट में मांग होने के कारण आज मैजिक दिए उनके परिवार की पहचान बन गए। जैसा इन दियों का नाम है उसी तरह से उनकी कीमत भी तय की गई है। प्रजापति परिवार के बनाए हुए दिए आज लोगों की पहली पसंद बन चुके हैं और हाथों हाथ बिक जाते हैं।
विदेशों में टेराकोटा आर्टिस्ट में अपनी अलग पहचान बनाने वाले देवीदीन प्रजापति परिवार ने देशी और स्थानीय मार्केट में भी मूर्तियों और अलग-अलग कलाकृतियों के निर्माण के रूप में जाना जाता है। लेकिन उनके द्वारा बनाए गए मैजिक दियों से उन्हें एक अलग ही पहचान मिली है।
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