महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में नामांकन के बाद भी महाविकास अघाड़ी में सियासी संघर्ष जारी है. संजय राउत ने कांग्रेस पर निशाना साध कहा सांगली पैटर्न से बचने की जरूरत है. शिवसेना (उद्धव) को लोकसभा चुनाव 2024 में सांगली सीट मिली थी, लेकिन कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वी विशाल पाटिल ने इसे छोड़ दिया. इससे शिवसेना (उद्धव) तीसरे स्थान पर पहुंच गया, लेकिन चुनाव के बाद विशाल कांग्रेस में चले गए.
क्या कहा संजय राउत ने ?
शिवसेना (उद्धव) के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि अभी दलों ने गठबंधन की शर्तों का पालन नहीं किया है. कई सीटों पर जो समझौता हुआ था, उन पर भी उम्मीदवार उतार दिए गए हैं. अभी नामांकन वापिस लेने का वक्त बचा है, हमारी कोशिश है कि सबको मनाया जाए.
राउत ने कहा कि 90 % सीटों पर आपसी समझौता हुआ है, लेकिन 10% सीटों पर तकरार है. हम इसे हल करने में लगे हैं, ताकि फिर से सांगली का पैटर्न नहीं होगा.
राउत ने इस दौरान देवेंद्र फडणवीस पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि उनका विश्वास मत करो, वे टाटा एयरबस की बात कर रहे हैं, जो नागपुर में बनने वाला था, लेकिन गुजरात चला गया. जब आप अपने नागपुर के लिए काम नहीं कर पा रहे हैं, तो फिर आप आगे की बात क्यों कर रहे हैं?
किन सीटों पर फंसा है पेच
सांगली में कांग्रेस के भीतर ही विद्रोह चल रहा है. पृथ्वीराज अधिकृत रूप से मैदान में हैं, लेकिन सांसद विशाल पाटिल की भाभी जयश्री भी मैदान से बाहर हैं. मिराजे की सीट पर भी विवाद है. कांग्रेस और शिवसेना (UBT) के बीच विदर्भ और मुंबई की सीटों पर भी संघर्ष चल रहा है. रामटेक सीट पर कांग्रेस और उद्धव ठाकरे ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि शिवसेना (UBT) के सिंबल पर बड़े बरबेटे चुनाव लड़ रहे हैं.
नासिक मध्य सीट पर भी उद्धव की सेना और कांग्रेस ने उम्मीदवार उतारे हैं. शिवसेना (UBT) ने बसंतराव गीते को सिंबल सौंपा है, जबकि गुलाम गौस मैदान में कांग्रेस ने उम्मीदवार उतारे हैं. कांग्रेस और शिवसेना (UBT) ने बांद्रा पूर्व सीट पर भी उम्मीदवार उतारे हैं. कांग्रेस ने अर्जुन सिंह को सिंबल दिया है, जबकि शिवसेना (UBT) ने वरुण सरदेसाई को मैदान में उतारा है.
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सपा ने बढ़ा दी MVA की टेंशन
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने एमवीए की चिंता बढ़ा दी है, जबकि एमवीए के बागी ने भी नामांकन दाखिल कर इसमें वृद्धि करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है. सपा ने 9 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं, उनमें से अधिकांश मुस्लिम मतदाताओं के प्रभाव वाली हैं.
महाराष्ट्र चुनाव में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की लिस्ट में ‘एम’ फैक्टर भी स्पष्ट है, क्योंकि इन 9 उम्मीदवारों में से 7 मुस्लिम हैं, इसलिए सपा का सियासी दांव एमवीए को इन 9 सीटों पर चुनौती दे सकता है.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी पांच सीटें मांग रही थी, लेकिन कांग्रेस ने सपा को हरियाणा की तरह ही कमजोर कर दिया. इसलिए एमवीए पर अखिलेश यादवका चरखा दांव अब एमवीए पर भारी पड़ता नजर आ रहा है. हालांकि, उम्मीदवारी वापस लेने की आखिरी तारीख 4 नवंबर है, इसके बाद महाराष्ट्र में अखिलेश यादव के दांव की स्थिति साफ हो पाएगी.
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