भूपेंद्र चौहान,रायगढ़. जिले के स्टेशन चौक में वाहन चेकिंग के दौरान सीएसपी सिद्धार्थ तिवारी से एक युवक की तू तू मैं मैं इतनी बढ़ गई की, शहर के लोग रात में ही एडिशनल एसपी से मुलाकात कर सीएसपी सिद्धार्थ तिवारी की शिकायत की. आम लोगों के साथ रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक और पूर्व विधायक रोशनलाल अग्रवाल भी मौजूद थे और इन्होंने सीएसपी सिद्धार्थ तिवारी की ऐसी कई घटनाओं का जिक्र किया. जो कुछ दिन पूर्व एक बुजुर्ग ट्रांसपोर्टर को कोतरारोड थाने में तमाचा जड़ दिया था, जिसमें ट्रांसपोर्टरों ने इसकी निंदा की थी मगर ट्रांसपोर्टर अपने काम को करना ही उचित समझा क्योंकि पुलिस से बैर रखकर उन्हें हमेशा किसी ने किसी बात को लेकर परेशान किया जा सकता है. इसलिए अपनी चुप्पी रखना ही उचित समझा.
दरअसल मामला यह था कि वाहन चेकिंग के दौरान युवक ने इतना पूछा कि क्या पुलिस वाले कागजात अपने साथ रखते हैं. बस फिर क्या था साहब का पारा सातवें आसमान में चढ़ गया. अपने मातहत कर्मचारी से उन्हें तुरंत गाड़ी में बैठाने का निर्देश दिया और उन्हें थाना ले जाने को कहा. जिससे वहां मौजूद लोग नाराज हो गए और पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारों के साथ एसपी ऑफिस रात के 10 बजे पहुंचे और एडिशनल एसपी से शिकायत की. एडिशनल ने कहा कि हम इसकी संज्ञान लेकर दोबारा ऐसी स्थिति ना हो इसकी कोशिश करेंगे. इसमें आप लोगों को अभी सहयोग चाहिए.
एक और सीएसपी जिनकी चर्चा पूरे प्रदेश में रही जिन्होंने रायगढ़ बिलासपुर और महासमुंद में अपनी दबंगई दिखा चुके हैं. महासमुंद में तो महिला यहां तक की विधायक को पीटा था. क्या सीएसपी की यही परपीट है या फिर सेवा करना इन का कर्तव्य है. एक तरफ प्रदेश पुलिस पूरे वर्ष भर कई कार्यशाला आयोजित करती है जिससे पुलिस और आम जनता के बीच मधुर संबंधों बने जिससे अपराध के समय विभाग को सहयोग मिल सके और जिले में अमन शांति बनी रहे, लेकिन एक तरफा यह संभव नहीं है. इस पर विभाग के आला अधिकारियों को सोचने की जरूरत है जिससे एक अच्छे समाज की कल्पना हम कर सके.