Govardhan Puja: गोवर्धन पूजा या अन्नकूट देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार अन्नकूट का त्योहार कार्तिक शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को आता है. इस साल अन्नकूट 2 नवंबर को मनाया जा रहा है. गोवर्धन पूजा को ही अन्नकूट के नाम से जाना जाता है. क्योंकि इस पर्व में अन्नकूट का विशेष महत्व है.
दरअसल, अन्नकूट में 56 प्रकार के प्रसाद होते हैं. लेकिन आप अपनी क्षमता के अनुसार सब्जियों और अनाज से अन्नकूट बनाकर गोवर्धन पूजा के दिन श्री कृष्ण को भोग लगा सकते हैं. मान्यता है कि गोवर्धन पूजा के दौरान श्रीकृष्ण को अन्नकूट का भोग लगाने से घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती है. अन्नकूट उत्सव मनाने से व्यक्ति को लंबी आयु और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है तथा दरिद्रता का नाश होता है और व्यक्ति जीवन भर सुखी और समृद्ध रहता है.
Govardhan Puja: अन्नकूट दर्शन का महत्व इस प्रकार है
- अन्नकूट भगवान कृष्ण को भोग के रूप में चढ़ाए जाने वाले अनाज का मिश्रण है.
- अन्नकूट के दिन भगवान कृष्ण को भोग लगाने के बाद उस भोजन को प्रसाद के रूप में भक्तों में वितरित किया जाता है.
- अन्नकूट के दिन भक्तों को संकल्प लेना चाहिए कि उनके पास जो कुछ भी है वह भगवान का प्रसाद है.
- अन्नकूट के दिन भक्तों को इसका दुरुपयोग न करने और मिल-बांटकर खाने का संकल्प लेना चाहिए.
- अन्नकूट के दिन भक्तों को श्रीकृष्ण को अपने जीवन में धारण करने और उनके जीवन में रुचि लेने का संकल्प लेना चाहिए.
- अन्नकूट के दिन भक्तों को संकल्प लेना चाहिए कि जीवन एक उत्सव है और इसे अवश्य मनाना चाहिए.
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