Rajasthan News: राजस्थान में विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने राज्य में नये जिलों को लेकर हो रही चर्चाओं के बीच सरकार पर आरोप लगाया कि भजनलाल सरकार नये जिलों की समीक्षा के नाम पर अस्थिरता और भ्रम फैला रही है। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए नये जिलों की संख्या में कटौती करने की योजना बना रही है। जूली ने इस संवेदनशील मुद्दे पर सरकार से विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर सदन को विश्वास में लेने की मांग की है।

ललित के. पंवार की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग

टीकाराम जूली ने कहा कि भजनलाल सरकार को चाहिए कि वह विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर पूर्व आईएएस अधिकारी ललित के. पंवार की रिपोर्ट प्रस्तुत करे। इसके साथ ही, उन्होंने मंत्रियों की सब-कमेटी की रिपोर्ट भी सदन में रखने की मांग की। जूली का कहना है कि इन दोनों रिपोर्ट्स पर खुली चर्चा होनी चाहिए ताकि जनता को सरकार के इरादों की सच्चाई का पता चल सके।

मंत्रियों के बयानों पर सवाल

टीकाराम जूली ने सरकार के मंत्रियों के विवादित बयानों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्रियों का पूर्वाग्रह खुलकर सामने आ चुका है और मदन दिलावर की अध्यक्षता वाली कमेटी के कुछ जिलों को खत्म करने की सिफारिश करने की संभावना जताई। गंगापुर सिटी, सांचोर, केकड़ी, और दूदू जैसे छोटे जिलों पर संभावित प्रभाव का भी उल्लेख किया गया है।

भाजपा सरकार से स्पष्ट रोडमैप की मांग

जूली ने कहा कि भाजपा सरकार की जिम्मेदारी है कि नवगठित जिलों और संभागों की आधारभूत संरचना के लिए ठोस रोडमैप तैयार करे। लेकिन उन्होंने सरकार को अदूरदर्शी और असक्षम बताते हुए कहा कि यह सरकार दिल्ली से मिले निर्देशों के आधार पर काम करती है और अक्सर अपने निर्णयों पर ‘यू-टर्न’ लेती है।

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए जूली ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बजट भाषण में नये जिलों और संभागों की घोषणा कर जनता में नई उम्मीदें जगाई थीं। ललित के. पंवार द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट पहले ही सरकार को सौंपी जा चुकी है, लेकिन अब सरकार इसके आधार पर नए जिलों की समीक्षा के बहाने असमंजस फैला रही है।

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