रायपुर- पूर्व मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव रहे अमन कुमार सिंह के खिलाफ प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत दर्ज की गई है. इस शिकायत के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से राज्य शासन को उचित कार्यवाही किए जाने को लेकर पत्र भेजा गया है.

दिल्ली की द्वारका में रहने वाली विजया मिश्रा ने 4 जनवरी 2019 में प्रधानमंत्री कार्यालय में ईमेल के जरिए अमन कुमार सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने दस्तावेजी प्रमाण के आधार पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए अमन कुमार सिंह के खिलाफ जांच की मांग की है. उन्होंने अपनी शिकायत में पूर्व गृहमंत्री और बीजेपी विधायक ननकीराम कंवर के उन पत्रों का भी संदर्भ दिया है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री से भ्रष्टाचार से जुड़े आरोपों के तहत अमन कुमार सिंह के खिलाफ जांच की मांग की गई थी. 
 
पीएमओ से की गई अपनी शिकायत में विजया मिश्रा ने कहा है कि आईआरएस से वीआरएस लेने के बाद अमन कुमार सिंह ने संविदा नियुक्ति के दौरान यह तथ्य छिपाया था कि उनके खिलाफ किसी भी तरह की जांच पेंडिंग नहीं है, जबकि छत्तीसगढ़ में डेपुटेशन से पहले 2001-2002 में कस्टम एंड सेंट्रल एक्साइज डिपार्टमेंट में बंगलुरू में डिप्टी कमिश्नर रहते हुए उनके खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में जांच की गई थी. भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद उन्हें सीबीआई जांच से गुजरना पड़ा था. शिकायत में यह भी लिखा गया है कि कस्टम एंड सेंट्रल एक्साइज के डीजी विजिलेंस ने अमन कुमार सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत चार्जशीट जारी किया था. 4 जून 2009 को मिले आरटीआई दस्तावेजों के आधार पर विजया मिश्रा ने अपनी शिकायत में इसका भी उल्लेख किया है कि अमन कुमार सिंह के खिलाफ चल रहा यह मामला अब भी पेंडिंग है, जिस वक्त उनके खिलाफ जांच चल रही थी, वह छत्तीसगढ़ में डेपुटेशन पर काम कर रहे थे. बाद में साल 2010 में उन्होंने इंडियन रिवेन्यू सर्विसेज से इस्तीफा दे दिया. 
 
शिकायतकर्ता विजया मिश्रा ने कहा है कि 9 फरवरी 2010 को छत्तीसगढ़ सरकार ने नोटशीट जारी कर अमन कुमार सिंह को सचिव पद पर संविदा नियुक्ति दी थी. बाद में उन्हें प्रमुख सचिव के रूप में पदोन्नति दी गई. इससे पहले संविदा नियुक्ति के दौरान 25 जनवरी 2010 को जारी नोटशीट में यह लिखा गया कि अमन कुमार सिंह के खिलाफ किसी भी तरह की विभागीय जांच जारी नहीं है, लेकिन 2अगस्त 2010 को इस प्रकरण से जुड़ी एक नोटशीट में उनके खिलाफ विजिलेंस के एडिशनल कमिश्नर के हवाले से भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना किए जाने का संदर्भ मिलता है. 
 
हालांकि दस्तावेजों के परीक्षण में  इस मामले को लेकर मिनिस्ट्री आफ होम अफेयर्स को भेजे गए अपनी स्पष्टीकरण में अमन कुमार सिंह ने तमाम आरोपों को झुठलाया है. 13 दिसंबर 2017 को भेजे गए पत्र के पैरा नंबर 5 में अमन सिंह ने अपने खिलाफ किसी भी तरह की सीबीआई या कोई दूसरी जांच एजेंसी की ओर से की जा रही कार्यवाही का खंडन किया है. उन्होंने कहा है कि मैंने कभी विभागीय जांच का सामना नहीं किया है. नियमों के तहत ही केंद्र सरकार ने 5 जुलाई 2010 को मेरा इस्तीफा स्वीकार किया है. इस जवाब के साथ ही उन्होंने कोर्ट में की गई उनकी अपील का भी ब्यौरा दिया है, जिसमें उन्हें राहत दी गई थी.