विक्रम मिश्र, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कालाजार बुखार का पहला मामला सामने आया है। अभी तक सीमावर्ती इलाके जो नेपाल सीमा से सटे हुए है, वहीं पर इस तरह के बुखार के लक्षण वाले मरीज मिलते रहे है। इस एक केस के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम ने भी मौके पर पहुचकर जांच किया। साथ ही मरीज के घर वाले और आसपास में रहने वाले परिवारों की जांच की जाएगी।

प्रदेश में खत्म थी कालाजार

प्रदेश में प्रति 10 हजार की आबादी पर 0.5 केस होने की वजह से वर्ष 2019 में कालाजार बीमारी को खत्म मान लिया गया था। डब्ल्यूएचओ के मानक के अनुसार एक ब्लॉक में एक हजार की आबादी पर प्रति वर्ष एक मरीज मिलता है तो इसे उन्मूलन की श्रेणी में मान लिया जाता है।  वर्ष 2024 में अब तक देवरिया में एक कुशीनगर में सात और बलिया में दो मरीज मिले हैं। लखनऊ के त्रिवेणी नगर इस केस के मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। क्योंकि लंबे समय से लखनऊ में कालाजार का कभी कोई केस नहीं मिला है।  

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डा. एके चौधरी जॉइंट डायरेक्टर कालाजार के मुताबिक विभागीय टीम पूरी तरह से अलर्ट है। अब मरीज की हर 15 दिन में निगरानी की जाएगी। जिला मलेरिया अधिकारी को निर्देश दिया गया कि मरीज के घर के साथ ही आसपास के 500 परिवारों के घरों में सिंथेटिक पायरेथ्रायड का खिड़काव किया जाएगा।