रायपुर। इसे कहते हैं मंत्री. इसे कहते हैं संवेदनशीलता. और इसके कहते हैं सबसे पहले जनहित फिर बाकी सब चीज. जी हां एक बार फिर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव स्वास्थ्य की समस्याओं को लेकर तत्काल एक्शन में दिखे. उन्होंने प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल मेकाहारा की एक बड़ी समस्या का तत्काल निवारण कर दिया. उनके पास जैसे ही यह समस्या आई की अंबेडकर अस्पताल में स्त्री एवं प्रसूति वार्ड में आने वाली महिलाओं को बड़ी दिक्कतें होती है और एक ही बेड पर दो-दो महिलाओं को रखा जा रहा है तो उन्होंने इसे तत्काल दूर करने के निर्देश अधिकारियों को दिए.
स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल के अधीक्षक को निर्देशित किया कि अभी के अभी वहां पर एक और स्त्री एवं प्रसूति वार्ड तैयार किया जाए. मंत्री के कड़े निर्देशों के बाद अस्पताल अधीक्षक ने तत्काल 21 नंबर वार्ड को एक और स्त्री एवं प्रसूति वार्ड के रूप में तैयार किया. अब यहां आराम से महिला मरीजों एक-एक बेड पर शिफ्ट कर दिया गया है.
अंबेडकर अस्पताल की पीआरओ शुभ्रा सिंह ने बताया कि नए वार्ड के विस्तार एक बड़ी समस्या दूर हो गई है. अब महिला मरीजों के लिए दिक्कतें नहीं होंगी. नए वार्ड को मिलाकर अब यहां कुल 6 वार्ड स्त्री एवं प्रसूति के हो गए हैं. इन वार्डों में एक साथ कुल 138 मरीजों को रखा जा सकता है. नए वार्ड में 30 बिस्तर है.
इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री ने मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालते ही कई अस्पातलों का निरीक्षण कर व्यवस्था सुधारने की कवायद में जुट गए हैं. वहीं उन्होंने सिम्स की घटना के बाद तत्काल पीड़ितों से मिलकर लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने कमेटी भी गठित कर दी. मंत्री के मिजाज को समझते हुए अब स्वास्थ्य विभाग भी सतर्क हो गया है.
आपको याद होगा कि इससे पूर्व कई स्वास्थ्य मंत्री ऐसे भी रहे हैं जो अपने असंवेदनशीलता, अकर्मण्यता को लेकर विवादों में रहे हैं. चाहे व आंखफोड़वाकांड, गर्भाशयकांड या फिर नसबंदीकांड जैसी ही बड़ी घटनाएं क्यों न रही हो. लेकिन नए स्वास्थ्यमंत्री जिस तरह से संवेदनशील होकर काम कर रहे हैं उससे आम जनों में न सिर्फ उम्मीद जगी है बल्कि वे मानकर चल रहे हैं कि भ्रष्ट सिस्टम भी ठीक होगा.