विकास कुमार, सहरसा. No Cleanliness at Chhath Ghats: लोक आस्था का महापर्व छठ नहाय-खाय के साथ आज मंगलवार से शुरू हो गया है. एक तरफ जहां पर्व को लेकर प्रशासन सारी तैयारियां हो जाने का दावा कर रहा है. वहीं, सहरसा के सलखुआ प्रखंड क्षेत्र के छठ घाट पर अभी भी साफ-सफाई को लेकर किसी भी प्रकार का कोई इंतजाम नहीं दिख रहा है.

जन सुराज नेता ने की ये मांग

प्रशासन द्वारा क्षेत्र के छठ घाटों पर ना तो साफ-सफाई कराई गई है और ना ही कोई बेरीकेडिंग की व्यवस्था की गई है. जन सुराज पार्टी के नेता शमीम अनवर ने सलखुआ प्रखंड के आधा दर्जन से अधिक छठ घाटों का निरीक्षण किया.

निरीक्षण के बाद उन्होंने कहा कि, ‘लोक आस्था का महापर्व शुरू होने जा रहा है. लेकिन प्रशासनिक व्यवस्था नगण्य दिख रही है. कुछ घाटों पर स्थानीय लोगो द्वारा सफाई कराई है. कई घाट का साफ होना अभी बाकी है.’ उन्होंने कहा कि, ‘प्रशासन से अनुरोध है कि जल्द से जल्द सभी घाटों की सफाई कराई जाये. साथ ही घाटों पर बैरिकेडिंग और चेंजिंग रूम की व्यवस्था हो. इसके अलावे उन्होंने पानी मे ब्लीचिंग पावडर देने की मांग की.’

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नहाय-खाय के साथ छठ का आगाज

आज के दिन व्रती महिलाएं स्नान करेक नए कपड़े पहनकर पूजा करती हैं. नए कपड़े की आवश्यकता व्रतियों को होती है. पीले और लाल रंग के कपड़ों का छठ में विशेष महत्व होता है. हालांकि दूसरे रंग के कपड़े भी पहने जा सकते हैं. स्नान के बाद ही छठव्रती चना दाल, कद्दू की सब्जी और चावल का प्रसाद ग्रहण करती हैं.

नहाय खाय के दिन बनने वाले भोजन को बनाने के दौरान कई खास बातों का ध्यान रखा जाता है. जो खाना इस दिन बनाया जाता है, उसे रसोई के चूल्हे पर नहीं बल्कि मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी से पकाया जाता है.

व्रती महिलाओं के प्रसाद ग्रहण करने के बाद ही परिवार के अन्य सदस्य प्रसाद ग्रहण करते हैं. इस दिन व्रत से पहले नहाने के बाद सात्विक भोजन ग्रहण करने को ही नहाय-खाय कहा जाता हैं.

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