असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के साथियों पर दोबारा लगाए गए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के मामले में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में अहम सुनवाई हुई है। इस दौरान अदालत ने सरकार से जवाब मांगा कि जब डीसी ने 13 मार्च को अमृतपाल सिंह पर NSA लगाने का आदेश दिया था, तो इसे लागू करने में 10 दिन की देरी क्यों हुई।

हाईकोर्ट ने अब तक NSA से संबंधित जो भी आदेश जारी किए हैं, उन पर केंद्र और पंजाब सरकार से जवाब मांगा है, जिसे अगली पेशी में अदालत में पेश किया जाएगा। पंजाब सरकार ने जवाब दिया है कि वह 10 दिन की देरी के साथ हलफनामा पेश करेगी, जिसमें देरी का कारण बताया जाएगा। इसके अलावा, अदालत ने NSA को चुनौती देने वाले सभी आरोपियों के वकीलों को अगली सुनवाई में अपने तर्क प्रस्तुत करने के लिए कहा है।

अमृतपाल सिंह ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में पहुंचकर सभी कार्रवाइयों के साथ-साथ अपनी नजरबंदी को चुनौती दी थी। अमृतपाल को कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत हिरासत में लिया गया है। उसने 2024 के लोकसभा चुनावों में पंजाब के श्री खडूर साहिब संसदीय क्षेत्र से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीता है। कथित तौर पर वह खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ का मुखिया है और अजनाला पुलिस स्टेशन हमले के मामले में भी आरोपी है।

अमृतसर के मजिस्ट्रेट ने बढ़ाई थी अवधि

राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत दर्ज मामले की अवधि को अमृतसर के मजिस्ट्रेट ने एक साल के लिए बढ़ा दिया था, जिसके बाद अमृतपाल और उसके साथियों ने इस फैसले को चुनौती दी और इस प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए गए।