RPF Audio Bomb: प्रतीक चौहान/नासीर हकीम. रायपुर रेल मंडल से लगे रेल मंडल के सीनियर डीएससी (यानी आरपीएफ कमांडेंट) पर एक इंस्पेक्टर ने गंभीर आरोप लगाए है. इतना ही नहीं उक्त इंस्पेक्टर ने डीएससी का एजेंट बनकर आए आरक्षक के मुंह में थोड़ा खून लगाया यानी डिमांड की थोड़ी रकम भी दी, लेकिन जब वो रकम लेकर वापस आरक्षक आया तो इंस्पेक्टर ने उसका स्टिंग कर लिया और अब इस पूरे मामले का खुलासा लल्लूराम डॉट कॉम कर रहा है.
पूरा मामला संबलपुर रेल मंडल का है. यहां के सीनियर डीएससी B. Jayanna Krupakar पर महासमुंद आरपीएफ पोस्ट के इंस्पेक्टर प्रवीण सिंह धाकड़ ने गंभीर आरोप लगाए है. इंस्पेक्टर ने इस संबंध में एक शिकायत भी भुवनेश्वर में बैठने वाले जोन के आईजी से की है. लल्लूराम डॉट कॉम के पास वो शिकायत की कॉपी भी मौजूद है. सूत्रों का दावा है कि डीएससी की शिकायत के बाद पिछले दिनों दीपावली पर डीएससी दिल्ली से रायपुर फ्लाइट से पहुंचे और यहां से वे निरीक्षण करने महासमुंद पोस्ट गए और वहां सभी स्टॉफ को मिठाई खिलाई और बाद में इंस्पेक्टर से अकेले में जाकर बातचीत की और शिकायत वापस लेने कहा. ये पूरा वाक्या वहां मौजूद स्टॉफ के सामने हुआ.
अब आपको बताते है पूरा मामला क्या है
लल्लूराम डॉट कॉम को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक संबलपुर रेल मंडल के कमांडेंट ने एक आरक्षक को अपना एजेंट बनाकर महासमुंद भेजा. कागजों में कमांडेंट ने उक्त आरक्षक की ऑफिशियल ड्यूटी भी दिखाई. इसके बाद आरक्षक पोस्ट पहुंचा और इंस्पेक्टर से कहा कि डीएससी साहब को इस पोस्ट से 25 हजार रूपए महीने चाहिए. यहां कहा-कहा से पैसे आते है सब डीएससी साहब को पता है. जानकारी के मुताबिक इंस्पेक्टर ने डीएससी को फांसने के लिए जाल बिछाया. उन्होंने 7.5 हजार रूपए प्रतिमाह के हिसाब से 15 हजार रूपए की पहली किश्त दी. उक्त आरक्षक पैसे लेकर संबलपुर गया और वापस महासमुंद आया. लेकिन इस बार जब वो आया तो इंस्पेक्टर ने उसे अपने जाल में फंसा लिया और उसकी बातों को रिकार्ड कर लिया.
लल्लूराम डॉट कॉम के पास ये कथित रिकार्डिंग मौजूद है, जिसकी जांच आरपीएफ ने शुरू कर दी है, जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि इस कथित ऑडियो में कितनी सच्चाई है. हालांकि सूत्रों का दावा है कि भुवनेश्वर के लैब से जांच के बाद इंस्पेक्टर और उक्त आरक्षक के आवाज के सैंपल मैच हो गए है. लेकिन लल्लूराम डॉट कॉम इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है. ये आरपीएफ जांच के बाद स्पष्ट करेगा कि इसमें सच्चाई कितनी है.
लेकिन जो ऑडियो लल्लूराम के पास मौजूद है उसमें सुना जा सकता है कि आरक्षक ये कह रहा है कि डीएससी साहब नाराज हो गए है. वो 25 से कम में नहीं मानने वाले है. आरक्षक ये भी कहता है कि मैं उन्हें किसी तरह 15 में (15 हजार रूपए में) मनवा लूंगा.
जिसके बाद इंस्पेक्टर ये कहते है कि इतना तो मैं नहीं करवा पाऊंगा, साहब से कह दीजिए जहां चाहे ट्रांसफर करवा दे.
इस संबंध में लल्लूराम डॉट कॉम ने सीनियर डीएससी संबलपुर B. Jayanna Krupakar से उनका पक्ष लेने उन्हें फोन किया. पूरी बात सुनने के बाद उन्होंने कहा कि आपको जो भी जानकारी चाहिए उसके लिए आप डीएससी ऑफिस संबलपुर आईये. इसके बाद ही मैं कुछ आपको बता पाऊंगा.