रायपुर। अयोध्या में राम मंदिर की स्थापना के बाद से भगवान राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ में गजब का उत्साह दिखाई दे रहा है. माता कौशल्या के मायके के लोग अब जल्द से जल्द रामलला के दर्शन करने के लिये बेताब दिखाई पड़ते हैं. लोगों की इसी भावना को परखते हुए छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य के लोगों के लिए रामलला दर्शन योजना की शुरुआत की है.

भारतीय दर्शन और परंपरा के मुताबिक, उम्र के एक पड़ाव के बाद हर व्यक्ति की इच्छा होती है कि वह पवित्र धार्मिक स्थलों के दर्शन के लिए तीर्थ यात्रा पर जाये. आर्थिक रूप से सम्पन्न लोग अपनी सुविधानुसार तीर्थयात्रा करते रहते हैं, लेकिन गरीब परिवार पैसे की कमी के चलते इससे वंचित रह जाते हैं. खासकर ऐसे समय में जब अयोध्या में छत्तीसगढ़ के भांचा राम का नया मंदिर बना हो और जिसकी ख्याति पूरे विश्व में फैल गई हो, हर छत्तीसगढ़िया अपने भांचा राम के दर्शन के लिये बेचैन दिख रहा है. अपने भांचा राम के विराजमान होने के बाद उनके ननिहाल में रहने वाले प्रत्येक लोगों की इच्छा थी कि वे उनके द्वार तक पहुंचे और दर्शन लाभ लें. भगवान राम के ननिहाल के निवासियों के इस सपने को विष्णुदेव साय सरकार ने साकार करने का बीड़ा उठाया है.साय सरकार ने प्रदेश के नागरिकों को अयोध्या ले जाने के लिए रामलला दर्शन योजना शुरू की है.

मूल रूप से छत्तीसगढ़ में निवास करने वाले 18 से 75 वर्ष तक आयु के व्यक्तियों को शासकीय सहायता से उनके जीवनकाल में एक बार उत्तर प्रदेश के अयोध्या धाम स्थित श्री रामलला दर्शन के लिए शुरू की गई श्री रामलला दर्शन योजना राज्य के निवासियों की आस्था को पोषित करने वाली अद्वितीय योजना बन गई है. इसके तहत हर साल राज्य भर के क़रीब 20,000 लोगों को नवनिर्मित रामलला मंदिर ले जाया जा रहा है. छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल और पर्यटन विभाग की सहायता से इस योजना को क्रियान्वित किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल यात्रा के दौरान सभी आवश्यक सुविधाओं जैसे परिवहन, भोजन और आवास की व्यवस्था सुनिश्चित कर रहा है.

श्री रामलला दर्शन योजना के लिये 18 से 75 वर्ष के छत्तीसगढ़ मूल निवासियों को ज़िला मेडिकल बोर्ड द्वारा आयोजित स्वास्थ्य परीक्षण में फिट घोषित किया जाना अभी अनिवार्य है.छत्तीसगढ़ से लगभग 900 किलोमीटर दूर की इस तीर्थ यात्रा को सुविधाजनक और सफल बनाने के लिए भारतीय रेलवे कैटरिंग और पर्यटन निगम (IRCTC) से सहयोग ली जा रही है. इसके लिए साप्ताहिक विशेष ट्रेन की व्यवस्था की गई है. इस विशेष ट्रेन में यात्री रायपुर, दुर्ग, रायगढ़ और अंबिकापुर स्टेशनों से यात्रा कर रहे हैं. रास्ते में यात्री वाराणसी में रात्रि विश्राम करते हैं, जहाँ पर उन्हें श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन और पूज्य गंगा आरती में भाग लेने का सुनहरा अवसर मिल जाता है.

श्री राम लला दर्शन योजना के तहत 5 मार्च को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायपुर रेलवे स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर 12 कोच वाली श्री रामलला दर्शन योजना की पहली ट्रेन को रवाना किया था. विशेष ट्रेन में सबसे पहले रायपुर संभाग के 850 यात्री शामिल थे,जो अयोध्या में श्री रामलला के दर्शन के लिए रवाना हुए. इसमें रायपुर के 302, बलौदाबाजार के 163, महासमुंद के 158, धमतरी के 133 और गरियाबंद के 94 आस्थावान यात्री शामिल थे. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के पहल पर शुरू की गई श्री रामलला दर्शन योजना के तहत चलाई जा रही विशेष ट्रेन 5 मार्च को रायपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर-07 से रवाना हुई.

इस अवसर पर राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक अनुज शर्मा, इंद्र कुमार साहू, गजेन्द्र यादव, प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड विवेक आचार्या, सीईओ जिला पंचायत रायपुर, रेल्वे एवं पर्यटन के अधिकारी-कर्मचारी सहित जनप्रतिनिधिगण उपस्थित रहे. इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने कहा- “यह क्षण हमारे लिए गौरवशाली है कि छत्तीसगढ़ की जनता श्री रामलला के दर्शन के लिए जा रही है.” इस विशेष ट्रेन में टूर एस्कॉर्ट, सुरक्षाकर्मी और चिकित्सकों का दल भी मौजूद रहता है.

श्री रामलला दर्शन योजना के बारे में जानकारी देते हुए पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि संबंधित ज़िला प्रशासन लाभार्थियों को रेलवे स्टेशन से उनके आवास तक लाने ले जाने का काम कर रहा है.इस योजना के क्रियान्वयन के लिये प्रत्येक ज़िले में कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है. नि:शक्त जनों को तीर्थ यात्रा कराने वाली यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस प्रतिबद्धता को पूरा करती है जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य के लोग इस पवित्र स्थल का दौरा कर सकेंगे. इस योजना का मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं को बिना किसी आर्थिक बोझ के अयोध्या जाने का मौका देना है.

यह योजना उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और धार्मिक यात्रा करने में असमर्थ हैं. इसके माध्यम से, सरकार लोगों की धार्मिक आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास कर रही है और उन्हें अपने सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने की दिशा में कदम बढ़ा रही है.यात्रा के दौरान भोजन, चिकित्सा और स्थानीय परिवहन जैसी मुफ्त व्यवस्था से श्रद्धालुओं को आर्थिक राहत मिल रही है.

यात्रियों को उनके निवास स्थान से लाने की व्यवस्था प्रशासन की ओर से किया जाता है, लेकिन यदि कोई यात्रा के दौरान शासन के निर्धारित मानदंडों और सुविधाओं के अतिरिक्त भी सुविधाएं प्राप्त करना चाहता है तो उन्हें उसका भुगतान करना होगा.समूह में यात्रा करने से श्रद्धालुओं के बीच आपसी संबंध भी मजबूत हो रहे हैं. अयोध्या में बढ़ते पर्यटकों की संख्या वहाँ की स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बना रही है.

श्री रामलला दर्शन योजना के क्रम को आगे बढ़ाते हुए गरियाबंद जिले के कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने 24 सितंबर 2024 को जिले से कुल 94 दर्शनार्थियों से भरे 2 बसों को हरी झंडी दिखाकर कलेक्ट्रेट परिसर से रायपुर रेल्वे स्टेशन के लिए रवाना किया.इन बसों में 94 श्रद्धालुओं की देख-देख के लिए 4 अनुरक्षक भी शामिल थे.उनको रायपुर रेलवे स्टेशन से स्पेशल ट्रेन द्वारा श्री रामलला दर्शन अयोध्या धाम की यात्रा के लिए ले जाया गया.

अयोध्या जाने वाले श्रद्धालुओं ने राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आभार जताते हुए कहा कि विष्णुदेव साय सरकार ने श्री रामलला दर्शन के सपने को साकार किया है.सरकार की मदद से अयोध्या जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. श्रद्धालुओं ने कहा कि अयोध्या में श्री रामलला स्थापना पश्चात वहां जाने की बहुत इच्छा थी, और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने वहां जाने में हमारी भरपूर मदद की.

इसी प्रकार मुंगेली विधायक पुन्नूलाल मोहले ने 64 यात्रियों के दल को जिला कलेक्ट्रेट परिसर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था. उन्होंने तीर्थयात्रियों का गुलाल और पुष्पहार से स्वागत कर यात्रा के लिए शुभकामनाएं दी. बसों में सवार ये तीर्थ यात्री मुंगेली से बिलासपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे और वहां से विशेष ट्रेन द्वारा अयोध्या के लिए प्रस्थान किया. सभी श्रद्धालुओं में ग़ज़ब का उत्साह दिखाई दे रहा था. सभी तीर्थयात्रियों ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए सरकार द्वारा की गई इस पहल के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया.

श्रीरामलला दर्शन योजना के अंतर्गत तीसरे चरण की यात्रा के लिए कांकेर जिले के 72 वरिष्ठ नागरिक अयोध्या धाम दर्शन के लिए रवाना हुए थे.विधायक आशाराम नेताम और पूर्व सांसद मोहन मंडावी सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने दर्शनार्थियों को लेकर जा रही बसों को सुबह 7.30 बजे लाइवलीहुड कॉलेज कांकेर से हरी झंडी दिखाकर दुर्ग रेलवे स्टेशन के लिए प्रस्थान किया.इसी प्रकार श्री रामलला दर्शन योजना के तहत सारंगढ़ ज़िले से चौथे जत्था में 30 व्यक्तियों का दल रवाना हुआ था जिसे ज़िला कलेक्टर ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था.

विगत तीन माह से सारंगढ़ ज़िले से हर महीने 30 व्यक्तियों का दल प्रभु श्री राम के दर्शन के लिए अयोध्या जा रहा हैं.यह दल सारंगढ जिला मुख्यालय से बस से बिलासपुर रेल्वे स्टेशन पहुँचती है फिर वहां से अयोध्या तक का सफर रेल से पूरा करता है.श्रद्धालुगण भगवान राम की जय-जयकार करते हुए,भजन-कीर्तन करते हुए भक्तिमय माहौल में अयोध्या धाम के लिए निकल पड़ते हैं. श्री रामलला दर्शन योजना में दिव्यांग व्यक्तियों को अपने साथ अपने परिवार क़े एक सदस्य को रखने की अनुमति भी दी जाती है.

श्री रामलला दर्शन योजना के लिए इच्छुक आवेदक अपने क्षेत्र के पंचायत या शहरी स्थानीय निकाय में आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, स्वास्थ्य प्रमाण पत्र आदि संलग्न कर आवेदन कर सकता है. चयन प्रक्रिया में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति द्वारा अंतिम चयन किया जाता है.

छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले के लिए श्री रामलला दर्शन योजना के तहत अयोध्या जाने वाले यात्रियों का कोटा निर्धारित कर दिया गया है. इसमें सबसे अधिक रायपुर का है. प्रत्येक यात्रा में यात्रियों की कुल संख्या 850 निर्धारित है, जो सहायकों को जोड़ कर अधिकतम एक हजार तक भी हो सकती है. जिलों के वर्तमान अनुमानित जनसंख्या के आधार पर कोटा का निर्धारण किया गया है, जो इस प्रकार से है बिलासपुर- 225, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही- 49, कोरबा-146, जांजगीर-चांपा-187, मुंगेली-64, रायगढ़-112, सक्ती- 37, सारंगढ़-बिलाईगढ़- 30, सरगुजा- 170, बलरामपुर-रामानुजगंज- 164, सूरजपुर- 147, कोरिया- 108, जशपुर- 204, मनेंद्रगढ़-भरतपुर-चिरमिरी- 57, दुर्ग-185, राजनांदगांव- 93, बालोद- 77, कबीरधाम- 71, बेमेतरा- 62, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई- 31, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी- 25, बस्तर- 87, कांकेर-74, कोंडागांव- 53, दंतेवाड़ा- 28, नारायणपुर- 12, बीजापुर- 28, सुकमा- 24. अधिकारियों का कहना है कि विशेष परिस्थितियों में निर्धारित कोटे में कमी या वृद्धि की जा सकती है. प्रति माह पर्यटन विभाग की ओर से संभाग के पांचों जिले रायपुर, धमतरी, गरियाबंद, बलौदाबाजार और महासमुंद के कलेक्टर से यात्रियों की सूची मंगाई जाती है.

रामलला दर्शन योजना शुरू होने से भगवान राम के ननिहाल में उत्साह अपने चरम पर देखा जा रहा है. छत्तीसगढ़ के लोग इस योजना के जरिए अयोध्या जाने के लिए स्वतः ही आगे आ रहे हैं. अयोध्या से भांचा राम के दर्शन कर वापस आने वाले यात्रियों का कहना है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय श्रवण कुमार से कम नहीं हैं. तिल्दा-नेवरा से भगवान रामलला के दर्शन करके अपनी पत्नी देवकी वर्मा के साथ अयोध्या गए तुलसी राम वर्मा ने सीएम साय की तारीफ करते हुए धन्यवाद दिया. उन्होंने व्यवस्था की जमकर तारीफ भी की. महासमुंद जिले के ग्राम खैरझिटी निवासी विष्णु सिन्हा भी प्रभु श्रीराम के दर्शन कर आनंदित है.