भुवनेश्वर. मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने आज ओडिशा राज्य गैर-राजपत्रित पशु चिकित्सा तकनीकी कर्मचारी संघ के 23वें साधारण अधिवेशन के अवसर पर कहा कि हमारे अधिकांश किसान छोटे, मध्यम या भूमिहीन वर्ग के हैं. किसानों की आर्थिक स्थिरता और आय में वृद्धि के लिए पशुपालन एक उत्कृष्ट माध्यम है. कृषि कार्य के साथ-साथ गाय, बकरी, भेड़ और मछली पालन आदि से जुड़कर किसान आत्मनिर्भर बन सकते हैं.

भुवनेश्वर के जयदेव भवन में इस कार्यक्रम में शामिल होकर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पशु संपदा के विकास में पशु चिकित्सा विभाग के कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक, विशेष रूप से प्राकृतिक आपदाओं के समय, पशु निरीक्षक और विभागीय कर्मचारी लगातार पशु सेवा प्रदान करते हैं. इस विभाग के कर्मचारियों का तकनीकी ज्ञान किसानों की आय वृद्धि में सहायक होता है.

मुख्यमंत्री ने उपस्थित कर्मचारियों को प्रेरित करते हुए कहा कि आप अपने कार्य को सिर्फ एक साधारण नौकरी न समझें. आपकी जानकारी से लाभान्वित होकर लोग पशुपालन को एक लाभकारी और सम्मानजनक पेशे के रूप में अपना सकते हैं. आप सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुँचाएँ और उन्हें इस दिशा में प्रेरित करें. राज्य सरकार पशुपालन उद्यम की स्थापना के लिए विभिन्न सहायताएं और रियायतें भी प्रदान कर रही है.

पशु संपदा के विकास के लिए इस वर्ष के बजट में 697 करोड़ रुपये रखे गए हैं. नई सरकार की नई योजनाएं भी शुरू की जाएंगी. राज्य में दूध उत्पादन को बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री कामधेनु योजना और पशु कल्याण कार्यों के लिए मुख्यमंत्री पशु कल्याण योजना शुरू की जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन सरकार के साथ हमें विकास को भी दोगुनी गति से करना होगा.