नीरज उपाध्याय, सारण. Tribute to Sharda Sinha: बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा आज गुरुवार को पंचतत्व में विलीन हो गईं. पटना के गुलाबी पर लाखों लोगों ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी. वहीं, सारण के प्रसिद्ध सैंड आर्टिस्ट अशोक कुमार और सोनू ने एक शानदार सैंड आर्ट तैयार कर शारदा सिन्हा को श्रद्धांजलि अर्पित की है.
कला के माध्यम से अर्पित की श्रद्धांजलि
शारदा सिन्हा को इस तरह का अनोखा श्रद्धांजलि प्रमंडलीय मुख्यालय छपरा शहर से सटे दक्षिणी छोर पर सरयू नदी तट पर सैंड आर्ट बनाकर किया गया. उक्त दोनों कलाकारों द्वारा शारदा सिन्हा की छवि को बालू की रेत से उकेरकर उनके योगदान को सम्मानित कर कला के माध्यम से सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की गई. इस अद्भुत कला के माध्यम से शारदा सिन्हा की संगीत यात्रा और उनके योगदान को न केवल सराहा गया, बल्कि यह भी दिखाया गया कि कला के माध्यम से कैसे किसी व्यक्ति की धरोहर को सहेजा और सम्मानित किया जा सकता है.
स्वर कोकिला की छवि-संगीत के प्रति सम्मान
अशोक ने बताया कि, ‘सैंड आर्ट एक ऐसी कला है, जिसमें रेत का उपयोग कर चित्रों और दृश्यकलाओं को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया जाता है. हालांकि यह एक अस्थायी कला रूप है, लेकिन इसकी सुंदरता और प्रभाव दीर्घकालिक होती है. हम जैसे छोटे कलाकार सैंड आर्टिस्ट के माध्यम से सारण सहित राज्य और देश विदेशों में स्वर कोकिला शारदा सिन्हा जी के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए एक संदेश देने का प्रयास किया गया हैं. क्योंकि शारदा सिन्हा के संगीत और गायन को श्रद्धांजलि देने के लिए इस कला का चयन किया है. बालू की रेत पर सफेद बालू से उकेरी गई शारदा सिन्हा जी की छवि को उनके संगीत के प्रति सम्मान और श्रद्धा का एक अद्वितीय प्रतीक प्रस्तुत किया है.’ उन्होंने बताया कि, ‘इसके अलावा प्रत्येक खास मौके पर वह अपनी कला के माध्यम से समाज को कुछ अलग संदेश देने का प्रयास करते रहते हैं.’
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‘स्थापित किया नया कीर्तिमान’
इस अवसर पर सैंड आर्टिस्ट अशोक कुमार के गुरु सह अंतर्राष्ट्रीय स्तर के आर्ट कलाकार मेहदी सॉ ने बताया कि, ‘सारण के अशोक ने ओडिशा निवासी प्रसिद्ध सैंड ऑर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक के द्वारा बनाए गए स्कल्प्टिंग से आगे निकलते हुए नजर आने लगे हैं. क्योंकि बिहार के गौरव एवं सारण के पटनायक कहे जाने वाले मशहूर पेंटर, फोटोग्राफर, मूर्तिकार और सैंड आर्टिस्ट अशोक कुमार कई वर्षों से अपने सैंड आर्ट के माध्यम से अपनी पहचान बनाकर सुर्खिया बटोर रहे हैं. सरयू नदी किनारे बालू पर छठ पूजा के गीतों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पहचान दिलाने वाली सरस्वती की साक्षात देवी स्वरूपा शारदा सिन्हा की आकर्षक छवि को उकेर कर एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया हैं.
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