लखनऊ. यूपी में विभागों को भर-भरकर बजट मिल रहा है, लेकिन अधिकारी धन आवंटित नहीं होने दे रही है. यही वजह है कि अक्टूबर माह बीत गया, लेकिन अधिकांश विभाग बजट का 20% हिस्सा भी खर्च नहीं कर पाए हैं. वहीं मंत्री भी इस मामले में आंख मूंदे नजर आ रहे हैं.
बता दें कि अधिकारी विधानसभा से लंबा चौड़ा रिकॉर्ड बजट पास करवाने के लिए अपने विभाग के मंत्रियों को रिपोर्ट तो सौंपते हैं, लेकिन बजट पास होने के बाद अपने विभागों में जन कल्याण और विकास कार्यों के लिए धन आवंटित नहीं होने दे रहे हैं. ये रवैय्या कई सालों से जारी है. इसके बाद भी आज तक किसी भी ACS या प्रमुख सचिव पर कभी कार्रवाई नहीं हुई.
आंकड़ों की मानें तो विभागों ने बजट में पास हुई जो राशि खर्च भी की है वो वेतन, भत्ता, मेंटिनेंस, अन्य व्यवस्था चलाने के लिए किया है. न की विकास योजनाओं के लिए. अगर योजनाओं के लिए पैसा खर्च भी किया है तो केवल नाम मात्र ही. पैसा तो विधानसभा से पास हो जाता है, लेकिन हर बार वित्त वर्ष के अंत में सरेंडर कर दिया जाता है.
यूपी में अक्टूबर तक खर्च बजट
MSME : 13 %
आवास: 14%
नगर विकास: 20%
PWD विभाग: 23.5%
सिंचाई विभाग: 24%
ग्राम्य विकास : 26%
इंडस्ट्री विभाग : 33%
स्वास्थ्य विभाग: 36%
कृषि विभाग : 38%
बेसिक शिक्षा : 43%
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