राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। नई सरकार में निगम-मंडल और प्राधिकारणों में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष पद के लिए जमावट करने वाले नेताओं को अब और इंतजार करना होगा। बीजेपी के संगठन चुनाव के बाद ही नियुक्तियों का रास्ता साफ हो सकेगा। सूत्रों की मानें तो संगठन चुनाव होने तक सरकार ने निगम-मंडलों में नियुक्ति की प्रक्रिया पर पूरी तरह रोक लगा दी है।

मध्य प्रदेश के सरकारी निगम-मंडल और प्राधिकरणों में राजनैतिक नियुक्तियों के दावेदारों की बैचेनी अब और अधिक बढ़ गई है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में टिकट पाने से वंचित रहे नेताओं को उम्मीद थी कि जल्द उन्हें राजनैतिक नियुक्तिों के माध्यम से मंत्री दर्जा मिल ही जाएगा, लेकिन इसमें नया पेंच अब बीजेपी संगठन चुनाव के चलते फंस गया है। नियुक्तियों को लेकर कई बाद प्रदेश में बैठकें होने के साथ दिल्ली स्तर पर भी मंथन हो चुका है।

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इस दिन आएगी सूची

ऐसे में कुछ पदों पर जल्द नियुक्तियां होने की उम्मीद थी। सूत्रों की मानें तो सरकार ने साफ मन बना लिया है कि अब राजनैतिक नियुक्तियां संगठन चुनाव संपन्न होने के बाद ही की जाएंगी। खबर ये भी है कि आने वाले समय में जंबो सूची जारी होने करने के बजाय अलग-अलग समय पर नियुक्तियों के आदेश जारी होंगे।

कांग्रेस बोली- नियुक्तियों को लेकर सब मौन

सूची अटकने की खबर को लेकर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अवनीश बुंदेला का कहना है कि कांग्रेस कार्यकारिणी को लेकर बीजेपी नेता रोजाना दिन-रात गिना रहे थे, लेकिन निगम-मंडलों में नियुक्तियों को लेकर सब मौन हैं। बीजेपी में लॉलीपॉप दिखाई जा रही है, लेकिन सहमति नहीं बन पाने के कारण नियुक्तियां नहीं हो पा रहीं।

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बीजेपी ने किया पलटवार

वहीं बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने पलटवार करते हुए कहा कि कार्यकारिणी और निगम-मंडलों में नियुक्तियों की तुलना नहीं की जा सकती। कार्यकारिणी की देरी पर कांग्रेस के नेता ही सवाल उठा रहे थे, जहां तक बात निगम-मंडलों की है, तो कांग्रेस को इसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है।

नए चेहरों को मिलेगा अधिक मौका

खबर ये भी है कि निगम-मंडल या प्राधिकरण में दो बार रह चुके नेताओं को इस बार मौका नहीं मिलेगा। नए चेहरों को मौका देने के लिए ये गाइडलाइन लागू करने की बात कही जा रही है। संगठन चुनाव होने के बाद नए साल के पहले महीने में पहली सूची जारी होने की अटकलें लगाई जा रही हैं।

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