अयोध्या. राम मंदिर के प्रथम तल पर कुछ पत्थर ऐसे लग गए हैं, जिनकी मोटाई कम है. जिसकी गुणवत्ता भी ठीक नहीं बताई जा रही है. बताया जा रहा है कि ये पुराने पत्थर हैं. अब इन पत्थरों को निकालकर इनकी जगह मकराना के पत्थर लगाए जाएंगे.
ये निर्णय राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक के पहले दिन लिया गया है. समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने इसकी जानकारी दी है. उनके मुताबिक जिन पत्थरों की मोटाई कम है, उन्हें बदल दिया जाएगा. नृपेंद्र के अनुसार 800 मीटर लंबे परकोटा में रामकथा आधारित 80 म्यूरल यानी भित्ति चित्र बनाए जाने हैं. ये सभी म्यूरल कांस्य पर बनने हैं. इन्हें पत्थरों पर चिपकाया जाएगा. इनमें से 10 म्यूरल बनकर आ गए हैं. एक म्यूरल लगा भी दिया गया है.
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बता दें कि रामलला मंदिर के प्रथम तल का काम लगभग पूरा हो चुका है और द्वितीय तल पर निर्माण चल रहा है. श्रीराम जन्मभूमि परिसर में राम मंदिर समेत 18 मंदिरों का निर्माण हो रहा है. ट्रस्ट की ओर से इस तिथि पर वार्षिकोत्सव का आयोजन पूरी भव्यता से करने की तैयारी है.
शिखर निर्माण का काम शुरु हो गया है. जिसमें नक्काशी आदि के लिए विशेष कारीगरों को बुलाया जा रहा है. सितंबर के पहले सप्ताह में ये कारीगर अयोध्या पहुंच जाएंगे. शिखर समेत राम मंदिर की कुल ऊंचाई 161 फीट होगी. राम मंदिर के प्रथम तल का काम पूरा हो चुका है. जबकि दूसरे तल के स्तंभ भी 15 फीट की ऊंचाई तक पहुंच गए हैं. दूसरे तल की कुल ऊंचाई 19.5 फीट की होगी. इसी के साथ शिखर निर्माण की भी प्रक्रिया शुरु हो गई है. शिखर निर्माण में राजस्थान के वंशी पहाड़पुर के 60 हजार घनफीट पत्थरों का इस्तेमाल किया जाना है.
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