रायपुर– बहुचर्चित अंतागढ़ टेपकांड की जांच के आदेश छत्तीसगढ़ के डीजीपी डीएम अवस्थी ने दिए हैं. अवस्थी ने इसकी जांच का ज़िम्मा रायपुर की एसपी नीथू कमल को सौंपा है. 2015 में इस टेपकांड ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में भूचाल ला दिया था. इस टेपकांड को इंडियन एक्सप्रेस सामने लेकर आई थी. इंडियन एक्सप्रेस ने एक खबर एक टेप के हवाले से छापी थी. जिसमें कथित रूप से अजीत जोगी के बेटे और तत्कालीन मरवाही विधायक अमित जोगी और तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के दामाद डॉक्टर पुनीत गुप्ता के बीच बातचीत का कथित ऑडियो है. जिसमें दोनों कथित रूप से रुपयों के लेनदेन की बात कर रहे हैं. ये लेनदेन कांग्रेस उम्मीदवार मंतूराम पवार के नाम वापिस लेने को लेकर है.

इस ऑडियो में 2014 में कांकेर ज़िले के अंतागढ़ में हुए उपचुनाव के दौरान की बातचीत है. जब कांग्रेस के उम्मीदवार मंतूराम पवार ने रहस्यमयी तरीके से नाम वापसी के दिन अपना नाम वापिस ले लिया. जिसके बाद बीजेपी उम्मीदवार भोजराम नाग चुनाव जीत गए.

अंतागढ़ टेपकांड में इस कथित ऑडियो के सामने आने के बाद इस कथित बातचीत के आधार पर ये बात सामने आई कि अमित जोगी ने कांग्रेस को वहां हराने के लिए मंतूराम पवार से नाम वापिस करवाया. इसके बाद कांग्रेस ने अमित जोगी को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया.

इस मामले को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल हाईकोर्ट जांच की मांग को लेकर गए. जब यहां मांग खारिज़ हो गई तो भूपेश ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया। यहाँ मामला अभी लंबित है। इस बीच राज्य पुलिस की ओर से ये बड़ा एलान हो गया.