CJI DY Chandrachud On Bulldozer Justice: भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश चीफ जस्टिस (chief Justice) डीवाई चंद्रचूड़ आज (10 नवंबर 2024 ) से रिटायर हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने अपने आखिरी जजमेंट में भी बुलडोजर एक्शन (Bulldozer Justice) की कड़ी निंदा करते हुए यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ( CM Yogi Adityanath) को नसीहत दे गए। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के चीफ जस्टिस ने अपने आखिरी जजमेंट में भी बुलडोजर एक्शन (Bulldozer Action) की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि कानून के शासन में बुलडोजर जस्टिस स्वीकार्य नहीं है। किसी की संपत्ति को नष्ट करके उसे न्याय नहीं दिया जा सकता है। बुलडोजर चलाने की धमकी देकर लोगों की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। यह कानून की नजर में सही नहीं है। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
सीजेआई ने कहा कि ‘कानून के शासन के तहत बुलडोजर न्याय बिल्कुल अस्वीकार्य है। अगर इसे अनुमति दी गई तो अनुच्छेद 300ए के तहत संपत्ति के अधिकार की संवैधानिक मान्यता एक डेड लेटर बनकर रह जाएगी।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने कहा कि बुलडोजर के जरिए न्याय करना किसी भी सभ्य न्याय व्यवस्था का हिस्सा नहीं हो सकता। तीन जजों की बेंच ने कहा कि अवैध या गैरकानूनी अतिक्रमणों को हटाने के लिए कार्रवाई करने से पहले राज्यों को उचित कानून प्रक्रिया का पालन करना चाहिए. बुलडोजर जस्टिस स्वीकार्य नहीं है।
सीजेआई ने अपने जजमेंट में कहा, ‘बुलडोजर के माध्यम से न्याय न्यायशास्त्र की किसी भी सभ्य प्रणाली के लिए ठीक नहीं है। गंभीर खतरा है कि अगर राज्य के किसी भी विंग या अधिकारी द्वारा गैरकानूनी व्यवहार की अनुमति दी जाती है, तो बाहरी कारणों से नागरिकों की संपत्तियों को चुनिंदा प्रतिशोध के रूप में ध्वस्त कर दिया जाएगा।
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अधिकारियों के खिलाफ होनी चाहिए कार्रवाई’
सीजेआई ने कहा, ‘अधिकारी जो इस तरह की गैरकानूनी कार्रवाई को अंजाम देते हैं या मंजूरी देते हैं, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए। उनके द्वारा कानून का उल्लंघन करने पर आपराधिक प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। सार्वजनिक अधिकारियों के लिए सार्वजनिक जवाबदेही होनी चाहिए. सार्वजनिक या निजी संपत्ति के संबंध में कोई भी कार्रवाई कानून की उचित प्रक्रिया द्वारा समर्थित होनी चाहिए।
जिसका घर तोड़ा है उसे दें 25 लाख
योगी सरकार के बुलडोजर एक्शन पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आप इस तरह लोगों के घरों को कैसे तोड़ना शुरू कर सकते हैं? किसी के घर में घुसना अराजकता है. यह पूरी तरह से मनमानी है. उचित प्रक्रिया का पालन कहां किया गया है? चीफ जस्टिस ने कहा कि हमारे पास हलफनामा है, जिसमें कहा गया है कि कोई नोटिस जारी नहीं किया गया था। आप केवल साइट पर गए थे और लोगों को सूचित किया था. क्या इससे न्याय का उद्देश्य पूरा होगा? चंद्रचूड़ ने कहा कि जिसका घर तोड़ा है उसे 25 लाख रुपए का मुआवजा दे।
आज रिटायर हो रहे सीजेआई चंद्रचूड़
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ का कार्यकाल आज 10 नवंबर को समाप्त हो रहा है। शुक्रवार (8 नवंबर) को उनका ‘लास्ट वर्किंग डे’ था. अपने कार्यकाल में उन्होंने पब्लिक लिबर्टी, संवैधानिक व्याख्याओं से संबंधित लंबित मामलों और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित केसों पर फोकस किया। नवंबर 2022 से नवंबर 2024 तक सुप्रीम कोर्ट ने 1,11, 498 नए केसों की सुनवाई की और 1,07, 403 मामलों का निपटारा किया।
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