पश्चिमी चंपारण। बिहार का उसैन बोल्ट इन दिनों सुर्खियों में है। जी हां… हम बात कर रहे है बगहा के रहने वाले राजा यादव की। जिसे ‘बिहार का टार्जन’ और ‘बिहार का उसैन बोल्ट’ कहा जाता है। राजा यादव की चीते जैसी रफ्तार और फौलादी बदन की काफी चर्चा हो रही है। राजा एक बार में तीन हजार पुश अप और 20 किलोमीटर दौड़ लगाते है। उनका सपना ओलंपिक में जाने का है। आइए जानते है उनके संघर्ष की पूरी कहानी…
यू तो जिंदगी में हर पल इम्तिहान होते है, लेकिन कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई भी काम नामुमकिन नहीं है। समस्याएं सभी के जीवन में होती है, कुछ बिखर जाते है तो कुछ उन्हीं समस्याओं के चलते निखर जाते हैं। ऐसी ही कुछ कहानी है बगहा से 20 किलोमीटर दूर स्थित महीपुर भतौड़ा पंचायत अंतर्गत पाकड़गांव के रहने वाले राजा यादव की। जिन्हें आज ‘बिहार का टार्जन’ और ‘बिहार का उसैन बोल्ट’ कहने लगे हैं।
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पिता और दादा का सपना रह गया अधूरा
राजा यादव के दादा और पिता पहलवानी करते थे, लेकिन दोनों ने जिसका ख्वाब देखा, वह पूरा नहीं हो सका। अब तीसरी पीढ़ी का राजा अपना और अपने पूर्वजों के सपनों को साकार करने में जुटा हुआ है। राजा यादव असुविधाओं और संसाधनों का रोना नहीं रोता, बल्कि अपनी टूटी-फूटी झोपड़ी को ही जिमखाना बना लिया। अपने पिता से प्रशिक्षण लेकर वह जुगाड़ टेक्नोलॉजी के सहारे ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने का सपना संजोये हुए है।
हर दिन 3000 पुश अप और 20KM की दौड़
चीते जैसी रफ्तार और फौलदी बदन वाले राजा यादव हर दिन 3000 पुश-अप्स और 20 किलोमीटर की दौड़ लगाते हैं। इसके लिए वह संसाधनों के अभाव के बावजूद दिन रात भरपूर मेहनत कर रहे हैं ताकि वह देश का नाम रोशन कर सके। राजा यादव ने बताया कि इसके लिए वह कोई खास डाइट नहीं लेते। बल्कि घर में जो शुद्ध शाकाहारी खाना बनता है उसी को खाते हैं। वे दूध-दही समेत घी का सेवन करते है।
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सेना में नहीं जाने का है मलाल
उन्होंने यह भी बताया कि कई बार सेना की बहाली में चयनित हुआ, लेकिन कुछ कमियों की वजह से सेना में नहीं जा सका। जिसका उन्हें मलाल है। राजा ने बताया कि मेरे पिता और दादा कुश्ती करते थे। मेरे पिताजी तीन बार वेटलिफ्टिंग में नेशनल चैंपियन रहे और गोल्ड मेडल भी जीता है, लेकिन सरकारी मदद और सुविधाओं के अभाव में वह अपना मुकाम हासिल नहीं कर सके। जिसके बाद मैने ओलंपिक का सफर तय करने की ठानी है।
राजा यादव के पिता लालबाबू यादव दूध बेचकर अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। लालबाबू ने बताया कि 68 किलो के वेटलिफ्टिंग में तीन बार राष्ट्रीय मेडल जीता है, लेकिन सरकार ने खेल और खिलाड़ियों को बढ़ावा नहीं दिया, जिससे वे आगे नहीं बढ़ सके। यही वजह है कि वे अब अपने बेटे को खेल के उस संस्करण में आगे बढ़ा रहे है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में विलुप्त होने के कगार पर है।
खेल मंत्री ने बुलाया
राजा यादव की चर्चा और उनकी कहानी सुनकर बगहा सदर विधायक राम सिंह ने उनसे मुलाकात की। राम सिंह ने बताया कि राजा मेरे ही विधानसभा क्षेत्र का है। इसे देखकर कहा जा सकता है कि इसमें ओलंपिक खेलने का जुनून है और वह उस ऊंचाई तक जरूर पहुंचेगा। विधायक ने बताया कि हमने खेल मंत्री से बात की है। खेल मंत्री ने राजा यादव को 11 नवंबर मिलने के लिए बुलाया है।
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