राजनीति से दूर रहने वाले पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि पंजाब में कई लोगों ने मुख्यमंत्री बनने का सपना देखा था, लेकिन वे हार गए। आज मैं जहां भी जाता हूँ, वहां लोग मुझे ‘सिद्धू साहब… सिद्धू साहब’ कहकर पुकारते हैं। नवजोत सिंह सिद्धू ने यह बात एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कही।

सिद्धू ने कहा कि जेल जाना उनके लिए सबसे अच्छा समय था। उन्होंने कहा कि वह राजनीतिक कारणों से जेल गए। गांधीजी, भगत सिंह और पंडित जवाहरलाल नेहरू भी जेल गए थे। ये हमारे हीरो हैं। सिद्धू ने कहा कि धारा 323 के तहत किसी को 2 दिन में सजा नहीं होती। इस धारा में मौके पर ही जमानत मिल जाती है। मुझे भी एक हजार रुपये देकर छोड़ दिया गया था, लेकिन बाद में केस को फिर से खोला गया और मुझ पर दबाव डाला गया। आज भी मैं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को समर्पित हूँ और अपने किए वादों पर कायम हूँ।

कैंसर की खबर सुनकर भावुक हुए सिद्धू

सिद्धू ने आगे कहा कि जेल में वह 16 घंटे ध्यान करते थे। इसी दौरान उन्हें पता चला कि उनकी पत्नी को कैंसर है, जिससे उनकी आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने कहा कि अगर वह दो महीने और जेल में रहते तो कुछ और हो सकता था। इसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी की सेहत के बारे में जानकारी ली और वाहेगुरु की कृपा से अब वह ठीक हैं। उन्होंने कहा कि इंसान को हमेशा बड़ा सोचना चाहिए, और सही सोच रखना चाहिए।

पंजाब को आगे ले जाने के लिए रोडमैप की जरूरत

सिद्धू ने कहा कि वह राजनीति को एक मिशन समझते हैं, जबकि अब यह एक व्यवसाय बन गया है। उन्होंने कहा कि वह इस व्यापार का पर्दाफाश कर रहे हैं और इसे जारी रखेंगे। पंजाब को सही दिशा में ले जाने के लिए एक सही रोडमैप की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर महीने भारी कर्ज ले रही है। पंजाब को तय करना होगा कि वह किसके साथ है।