Diabetes: डायबिटीज एक बढ़ती वैश्विक स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है, जो अब कम उम्र के लोगों को भी प्रभावित करने लगी है. 2021 में 20 से 79 साल के करीब 53.7 करोड़ लोग मधुमेह से पीड़ित थे, जो हर 10 में से एक व्यक्ति है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह समस्या समय के साथ और बढ़ सकती है. 2030 तक यह आंकड़ा 64.3 करोड़ और 2045 तक 78.3 करोड़ तक पहुंच सकता है.
टाइप-2 Diabetes के प्रमुख कारण
लाइफस्टाइल और आहार की गलत आदतें टाइप-2 डायबिटीज के प्रमुख कारण मानी जाती हैं. डॉक्टरों के मुताबिक, हर व्यक्ति को अपनी जीवनशैली में सुधार लाना चाहिए, खासकर उन लोगों को जिनके परिवार में पहले से किसी को मधुमेह हो.
विश्व मधुमेह दिवस पर जागरूकता
हर साल 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य डायबिटीज के बारे में जागरूकता फैलाना और इससे बचाव के उपायों के बारे में लोगों को शिक्षित करना है. हालांकि, देश में बड़ी संख्या में लोग ऐसे हैं जिन्हें अपनी मधुमेह की स्थिति का पता नहीं है, जो बाद में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है.
भारत में 50% लोग अनजान हैं अपनी बीमारी से
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 50% से ज्यादा लोग अपनी डायबिटीज की स्थिति से अनजान हैं. यदि समय पर इसका इलाज न किया जाए तो यह स्वास्थ्य संबंधी कई गंभीर जटिलताएं पैदा कर सकता है.
भारत में Diabetes की गंभीर स्थिति
भारत में 18 वर्ष से ऊपर के लगभग 7.7 करोड़ लोग टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित हैं और लगभग 2.5 करोड़ लोग प्रीडायबिटिक हैं, जिनमें डायबिटीज विकसित होने का उच्च जोखिम हो सकता है. डायबिटीज के शिकार लोगों में दिल के दौरे और स्ट्रोक का जोखिम दो से तीन गुना ज्यादा होता है. इसके अलावा, गंभीर स्थिति में पैरों में रक्त प्रवाह कम हो सकता है, जिससे पैरों में अल्सर, संक्रमण और कुछ मामलों में पैरों को काटने तक की नौबत आ सकती है.
क्या हैं Diabetes के लक्षण?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ लक्षणों के आधार पर आप जान सकते हैं कि आपको डायबिटीज है या नहीं. अगर आपके माता-पिता में से किसी को मधुमेह की समस्या रही हो, तो आपको विशेष रूप से सतर्क रहना चाहिए.
डायबिटीज के लक्षणों में शामिल हैं:
- – बार-बार पेशाब आना (खासकर रात में)
- – अत्यधिक प्यास लगना
- – वजन का बिना कारण घटना
- – बार-बार थकान या कमजोरी महसूस होना
- – हाथ-पैर में सुन्नपन या झुनझुनी होना
- – घावों का ठीक होने में अधिक समय लगना
- – नजरों का कमजोर होना
भारत में डायबिटीज का बढ़ता संकट
भारत को अब “डायबिटीज कैपिटल” कहा जाने लगा है. भारतीय शहरों में करीब 10 से 12% वयस्क आबादी डायबिटीज से पीड़ित है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह बीमारी न केवल स्वास्थ्य क्षेत्र पर दबाव बढ़ा रही है, बल्कि इससे कई अन्य गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ रहा है.
Diabetes का नियंत्रण और बचाव
अगर डायबिटीज का सही समय पर इलाज न किया जाए, तो यह आंखों, किडनी और तंत्रिकाओं से संबंधित गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है. इसलिए इस बीमारी से बचने के लिए जीवनशैली में बदलाव, नियमित जांच और सही आहार अपनाना बेहद जरूरी है.
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