इदरीश मोहम्मद, पन्ना। मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में स्वच्छंद रूप से विचरण करने वाले बाघों की आवारा कुत्तों से सुरक्षा के लिए नजदीकी ग्रामों के श्वानों का टीकाकरण किया जाएगा. ऐसा बाघों को कुत्तों से फैलने वाले वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए किया जा रहा है.
फील्ड डायरेक्टर अंजना सुचिता तिर्की ने बताया कि कुत्तों में कैनाइन डिस्टेंपर वायरस पाया जाता है. जंगल में विचरण करने वाले बाघ जब जंगल से निकलकर आसपास के आबादी वाले क्षेत्रों में जाकर कुत्तों को मारते हैं तो इस घातक बीमारी के संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं. इस जानलेवा बीमारी का इलाज बेहद मुश्किल है. क्योंकि यह सीधे नर्वस सिस्टम पर असर डालता है.
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हालांकि पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघ पुनर्स्थापना योजना अंतर्गत बाघों की सुरक्षा के दृष्टिगत पार्क परिधि से लगे ग्रामों के कुत्तों में कैनाइन डिस्टैंपर वायरस और अन्य सात बीमारियों की रोकथाम के लिए 15 नवंबर से टीकाकरण कार्य प्रारंभ किया जाएगा. साल 2024-25 में तकनीकी प्रस्ताव अनुसार 7 दिसंबर तक 18 ग्रामों में और 2 से 25 जनवरी तक शेष 18 ग्रामों में टीकाकरण किया जाएगा. इसके बाद बूस्टर टीकाकरण की तिथि निधारित की गई है.
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