कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश कांग्रेस के विधायक व पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। आपराधिक प्रकरण में आरोपी बनाए जाने की मांग संबंधी याचिका निरस्त कर दी गई है। गुना निवासी शख्स ने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के बेटे के खिलाफ याचिका दायर की थी। आइए जानते है पूरा मामला…
दरअसल, यह पूरा मामला साल 2016 का है। 20 सितंबर 2016 को विजयपुर की फैक्ट्री में लेबर सप्लायर विशंभर लाल अरोड़ा के साथ राघोगढ़ के किले में मारपीट हुई थी। जिसके बाद विशंभर ने दिग्जिवय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह पर अपहरण कर मारपीट का आरोप लगाया था, उसने थाने में भी शिकायत की। लेकिन पुलिस ने FIR में जयवर्धन को आरोपी नहीं बनाया था। इसके बाद पीड़ित ने हाईकोर्ट की शरण ली थी।
इस मामले में जबलपुर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए जयवर्धन सिंह को राहत दी है। पुलिस की एफआईआर में आरोपितों की सूची में अनावेदक जयवर्धन सिंह का नाम शामिल नहीं है। HC ने याचिका में कोई ठोस आधार नहीं पाया। जिसके चलते जयवर्धन को आपराधिक प्रकरण में आरोपी बनाए जाने की मांग संबंधी याचिका को निरस्त कर दिया है।
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