केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू लगातार किसानों को लेकर विवादित बयान दे रहे हैं। दो दिन पहले उन्होंने किसान नेताओं की तुलना तालिबान से की थी, जिससे विवाद खड़ा हो गया। बिट्टू ने यह भी कहा था कि सरकार को किसान नेताओं की संपत्ति की जांच करानी चाहिए, ताकि पता चले कि नेता बनने से पहले और बाद में उनकी संपत्ति में कितना इजाफा हुआ है।
अब मंत्री रवनीत बिट्टू ने इस बयान के बाद अपनी संपत्ति सार्वजनिक कर दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि उन्होंने वादा किया था कि वे अपनी संपत्ति और देनदारियों को सार्वजनिक करेंगे। इस सिलसिले में अब वे अपनी संपत्ति का खुलासा कर रहे हैं।
किसानों के बारे में रवनीत बिट्टू ने कहा था कि असल में कोई भी किसान विरोध नहीं कर रहा है। किसान भाजपा के साथ हैं। केवल किसान नेता ही विरोध कर रहे हैं। किसानों के पास इतना समय नहीं है; वे मंडियों में काम कर रहे हैं और इसके बाद गेहूं की बुवाई में व्यस्त हो जाएंगे। यह केवल किसान नेता ही हैं जो विरोध कर रहे हैं।
रवनीत बिट्टू ने कहा था कि इन किसान नेताओं की जांच होनी चाहिए। उनकी जमीन और संपत्ति की जांच की जानी चाहिए, ताकि देखा जा सके कि किसान नेता बनने से पहले और बाद में उनके पास कितनी संपत्ति हो गई है। कौन-कौन से किसान नेता आढ़तियों या शैलर मालिकों से जुड़े हैं।

बिट्टू ने कहा था कि इन नेताओं ने कभी ट्रेनें रोकीं, तो कभी खाद की आपूर्ति में अड़चनें डालीं, जबकि खाद किसानों को मिलनी चाहिए थी। ये लोग कह रहे हैं कि खाद यहां नहीं, वहां जाएगी। ये तालिबान की तरह व्यवहार कर रहे हैं। आने वाले समय में किसान भाजपा को वोट देंगे क्योंकि उन्हें पता है कि उनके विकास का रास्ता केंद्र सरकार से ही होकर जाता है।
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