रायपुर। 36 हजार करोड़ के नान घोटाला मामले में अब प्रवर्तन निदेशालच(ईडी) ने भी केस दर्ज कर लिया है. केस दर्ज होने के बाद मामले की जांच शुरू हो गई है. जानकारी के मुताबिक इस मामले में ईओडब्लू की ओर जो भी आरोपी बनाए गए उन सभी से पूछताछ होगी.
आपको बता दे ईडी की ओर से इस मामले में पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत केस दर्ज किया है. ईडी ने इस मामले में ईओडब्लू से जांच रिपोर्ट भी मांगी है. ईडी की जांच के बाद एक फिर से बड़ा सियासी हड़कंप मच गया है. क्योंकि इस मामले में भूपेश सरकार की ओर से एसआईटी गठन के बाद से सियासत काफी गरमाई हुई है. आरोप है कि छत्तीसगढ़ में राइस मिलरों से लाखों क्विंटल घटिया चावल लिया गया और इसके बदले करोड़ों रुपये की रिश्वतखोरी की गई. इसी तरह नागरिक आपूर्ति निगम के ट्रांसपोर्टेशन में भी भारी घोटाला किया गया. इस मामले में 27 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज़ किया गया था. जिनमें से 16 के ख़िलाफ़ 15 जून 2015 को अभियोग पत्र पेश किया गया था.
जानिए क्या है मनी लॉड्रिंग
मनी लॉन्ड्रिंग से तात्पर्य अवैध तरीके से कमाए गए काले धन को वैध तरीके से कमाए गए धन के रूप में दिखाने से होता है. मनी लॉन्ड्रिंग अवैध रूप से प्राप्त धनराशि को छुपाने का एक तरीका है। मनी लॉन्ड्रिंग के माध्यम से धन ऐसे कामों या निवेश में लगाया जाता है कि जाँच करने वाली एजेंसियां भी धन के मुख्य सोर्स का पता नही लगा पातीं है. जो व्यक्ति धन की हेरा फेरी करता है उसको “लाउन्डरर” (The launderer) कहा जाता है. मनी लॉन्ड्रिंग में अवैध माध्यम से कमाया गया काला धन सफ़ेद होकर अपने असली मालिक के पास वैध मुद्रा के रूप में लौट आता है.