प्रयागराज. यूपी में 9 सीटों पर 20 नवंबर को उपचुनाव होना है. चुनाव को देखते हुए सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव फूलपुर विधानसभा सीट पर जनसभा को संबोधित करने पहुंचे. जहां उन्होंने कहा, मेरी इच्छा थी कि मैं यहां प्रयागराज फूलपुर की जनसभा में आने से पहले उन छात्रों के साथ उनके आंदोलन में शामिल होना चाहता था, लेकिन अगर शामिल होता तो जो छात्रों की जायज़ मांग है उसको सरकार कहती ये राजनीति द्वारा प्रायोजित है, इसीलिए नहीं गया. लेकिन मेरे यहाँ जनसभा में आने की सूचना से केवल आशंका में ही वहां आंदोलन कर रहे छात्रों-बेटियों को जबरन उठाकर भगाने लगे. सरकार से यही कहूंगा कि छात्रों की मांग जायज़ है. भाजपा हमेशा के लिए ख़त्म होने वाली है.
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ये सरकार वन नेशन, वन इलेक्शन की बात करती है, लेकिन वन पेपर वन एग्जाम नहीं करवाना चाहती. भाजपा अगर केवल चुनाव का गणित समझती है तो सुन ले कि PCS/RO/ARO/LOWER SUBORDINATE जैसी अन्य प्रतियोगी छात्रों और उनके परिवार के लोगों को मिला लिया जाए तो ये संख्या लगभग 1 करोड़ होती है. अगर इस ‘महा-संख्या’ को लगभग 400 विधानसभा सीटों से भाग दें तो भाजपा के लगभग 25000 वोट हर विधानसभा सीट पर कम होंगे. मतलब भाजपा दहाई के अंक में सिमट जाएगी.
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उम्मीद है इस गणित को ही समझ कर आज ही भाजपा की हृदयहीन सरकार अत्याचार बंद करेगी और आंदोलनकारी युवाओं की लोकतांत्रिक जायज़ मांग को पूरा करेगी. भाजपा की एक आदत पड़ गई है. जनाक्रोश से डरकर आख़िरकार बात तो वो मानने पर मजबूर होती है, लेकिन तभी जब उसके सारे हिंसक तरीक़े नाकाम हो जाते हैं और जब उसकी नौकरी विरोधी नकारात्मक राजनीति पूरी तरह फ़ेल हो जाती है. अभ्यर्थी कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा.
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