प्रयागराज. PCS 2024 और RO/ARO 2023 की प्रारंभिक परीक्षा एक दिन और एक ही शिफ्ट में कराए जानें की मांग को लेकर प्रतियोगी छात्रों का विरोध तेज हो गया है. यूपीपीएससी (UPPSC) के दफ्तर के बाहर अभ्यर्थियों का धरना चल रहा है. प्रयागराज में आक्रोशित छात्रों ने पुलिस बैरियर तोड़ दिया. इसके बाद सभी लोक सेवा आयोग गेट पहुंच गए. इस बीच पुलिस पर भी मारपीट करने और प्रदर्शनकारियों को जबरन उठाने का आरोप लगा है. अब इसे लेकर सियासत भी जमकर हो रही है. इसे लेकर अखिलेश यादव ने पोस्ट किया है.
उन्होंने प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने X पर पोस्ट किया है कि- भाजपा की अहंकारी सरकार अगर ये सोच रही है कि वो इलाहाबाद में UPPSC के सामने से आंदोलनकारी अभ्यर्थियों को हटाकर, युवाओं के अपने हक़ के लिए लड़े जा रहे लोकतांत्रिक आंदोलन को ख़त्म कर देगी, तो ये उसकी ‘महा-भूल’ है. आंदोलन तन से नहीं मन से लड़े जाते हैं और अभी तक वो ताकत दुनिया में नहीं बनी जो मन को हिरासत में ले सके. जुड़ेंगे तो जीतेंगे!’
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मामले को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चल रहा है. प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सपा पर इस आंदोलन के पीछे होने का आरोप लगाया है. केशव प्रसाद मौर्य ने X पर पोस्ट करते हुए कहा, ”उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. हमारी प्राथमिकता है कि सभी प्रतियोगी परीक्षाएं पारदर्शी और निष्पक्ष हों, मानकीकरण की समस्या का भी समाधान हो, जिससे हर योग्य उम्मीदवार को उसका हक मिले.”
सूप बोले तो बोले, चलनी भी बोले जिसमें बहत्तर छेद- मौर्य
डिप्टी सीएम ने सपा मुखिया पर हमला भी बोला है. उन्होंने कहा, ”दुर्भाग्यपूर्ण है कि सपा प्रमुख श्री अखिलेश यादव अपने कार्यकाल के काले कारनामे भूलकर राजनीतिक लाभ के लिए छात्रों की भावनाओं का राजनीतिकरण कर रहे हैं. “सूप बोले तो बोले, चलनी भी बोले जिसमें बहत्तर छेद हैं” – आंदोलन की आड़ में माहौल बिगाड़ने की इनकी कोशिशों को समझदार प्रतियोगी छात्र भली-भांति समझते हैं. इस रुख के साथ सपा का “समाप्तवादी पार्टी” बनना तय है.”
आंदोलन नहीं, तैयारी में लगे अभ्यर्थियों का समय- मौर्य
इसके पहले भी डिप्टी सीएम इस मामले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दे चुके हैं. उन्होंने पहले भी कहा था कि “सभी सक्षम अधिकारी छात्रों की मांगों को संवेदनशीलता से सुनें और शीघ्र समाधान निकालें. यह सुनिश्चित करें कि छात्रों का कीमती समय आंदोलन में नहीं, बल्कि उनकी तैयारी में लगे.”
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छात्रों की चिताएं गंभीर- मौर्य
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि ”यूपी पीसीएस परीक्षा में एक से अधिक दिन की परीक्षा, निजी संस्थानों को केंद्र न बनाने और मानकीकरण प्रक्रिया को लेकर छात्रों की चिंताएं गंभीर और महत्वपूर्ण हैं. छात्रों की मांग है कि परीक्षाएं पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी हों, ताकि उनकी मेहनत का सम्मान हो और भविष्य सुरक्षित रहे.” उन्होंने कहा, ”मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में, भाजपा सरकार ने 2017 से भर्ती माफियाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाकर निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया की मिसाल पेश की है. लगभग 7 लाख युवाओं को नियुक्ति पत्र देकर सरकार ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय दिया है.”
क्या है यूपीपीएससी का रुख?
यूपीपीएससी के खिलाफ छात्र जो आंदलन कर रहे हैं उसे लेकर यूपीपीएससी ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. उनका कहना है कि नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया अपनाना जरूरी है.
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