सुशील सलाम, कांकेर. जिले के अंतिम छोर में स्थित नक्सल प्रभावित माड़पखांजुर गांव में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने गांववालों को रोजमर्रा के सामानों का वितरण किया. इस दौरान नक्सलियों की वजह से ग्रामीणों को होने वाली परेशानी का जिक्र करते हुए उनसे समाज की मुख्यधारा में लौटने की अपील की गई.

सिविक एक्शन कार्यक्रम के तहत आयोजित कार्यक्रम में बीएसएफ की 121वीं बटालियन के सीईओ मोहिंदर लाल ने ग्रामीणों को दैनिक उपयोग के सामान दिए. इस कार्यक्रम में आसपास गांवों के सैकड़ों लोगों ने शिरकत की. इस दौरान सीईओ मोहिंदर लाल ने नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा में वापस लौटने की अपील करते हुए कहा कि नक्सलियों के लिए सरकार ने पुनर्वास नीति बनाई है, उसका लाभ उठाएं. नक्सलियों के कारण गांववालों को परेशानी उठानी पड़ती थी. लेकिन सीमा सुरक्षा बल के जवानों के प्रयास से इलाके में सक्रिय माओवादियों की जड़े कमजोर हुई है, और यहां के माओवादी बैकफुट पर है, जल्द ही नक्सलियों का खात्मा होगा और इलाके में शांति बहाली हो सकेगी.

सिविक एक्शन कार्यक्रम में ग्रामीणों को ठंड से बचने के लिए कम्बल और गर्म कपड़े दिए गए. वहीं, मलेरिया बुखार से बचने के लिए मच्छरदानी दिया गया. ग्रामीण इलाकों से आये युवाओं और बच्चों को फुटबॉल, वॉलीबॉल और क्रिकेट मैच खेलने के लिए खेलकूद सामग्री और पोशाक दिया गया. ग्रामीणों की मांग पर मनोरंजन के लिए ढोलक, तबला, हारमोनियम और साउंड सिस्टम उपलब्ध कराया गया. मूलभूत सुविधाओं से मरहूम गांववालों को अंधेरे में रात गुजारना पड़ता है, उन्हें अंधेरे से मुक्ति मिल सके इसके लिए सोलर लैम्प्स दिया गया. महिलाओं को साड़ी, शॉल, जूता-चप्पल, बारिश से बचने के लिए छाता और नदियों के आसपास बसे ग्रामीणों को लाइफ जैकेट दिया गया.

इस अवसर पर माडपखांजूर तथा आसपास गांव के बच्चों ने देशभक्ति गीत पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति से लोगों का मन मोह लिया. आदिवासी समुदाय के बच्चों ने एक से बढ़कर एक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी. वहां मौजूद अफसरों और ग्रामीणों ने बच्चों का हौसला बढ़ाया. ग्रामीणों के लिए निशुल्क स्वास्थ्य शिविर लगाया गया. ग्रामीणों को मौसमी बीमारियों से बचने और रोकथाम के उपाय बताये गए.