रिपोर्ट- चंद्रकांत देवांगन, दुर्ग।  फायलेरिया को जड़ से खत्म करने देश व्यापी अभियान के तहत खिलाये जा रहे कृमि नाशक और फायलेरिया की दवा का सेवन करने से 40 स्कूली बच्चे बीमार हो गए. दवा खाते ही बच्चों को सर दर्द ,चक्कर और उल्टियां आने लगी.  हालत बिगड़ते देख सभी स्कूली बच्चों को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. कुछ बच्चों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई वहीं 31 बच्चों का इलाज जारी है. हालांकि अच्छी बात ये है कि सभी बच्चें खतरे से बाहर बताये जा रहे हैं.

दरअसल फायलेरिया को जड़ से खत्म करने केंद्र सरकार ने 3 दिन 10,11,12 अगस्त को सभी शिक्षण संस्थाओं में मुफ्त में 14वर्ष तक के बच्चों को दवा खिलानी है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने बाकायदा स्कूली शिक्षकों को ट्रेनिंग भी दी थी. जिसके तहत उम्र के हिसाब से दवा की मात्रा निर्धारित की गई थी, दवा खाली पेट नही लिए जाने की हिदायत भी दी गई थी। आज भी दुर्ग के 3 अलग-अलग स्कूलों के स्कूली छात्र-छात्राओं को दोपहर बाद दवाई का सेवन कराया गया. दवा खाते ही बच्चों को साइड इफेक्ट होने लगा, बच्चों को चक्कर आना, सर दर्द और कुछ को उल्टियां भी होने लगी.

इस पूरे मामले में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन ने इस तरह के लक्षण आना सामान्य बताया उनके अनुसार इस दवा को खाली पेट नही खिलाया जाना था.  स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए समय-समय पर ट्रेनिंग दी थी. उम्र के हिसाब से ही बच्चों को दवा का डोज दिया जाना था. सिविल सर्जन ने यह भी माना कि बीमार और कमजोर बच्चों को दवा खिलाने से थोड़ी परेशानी हो सकती है,  तो वहीं उन्होंने लगातार उल्टी आने से बिना इलाज के मौत होने की भी बात कही. सिविल सर्जन ने सभी बच्चों की हालत सामान्य बताया.

जिन बच्चों ने दवाओं का सेवन किया उनके अनुसार उन्होंने खाली पेट दवा नही खाई शिक्षकों ने सभी बच्चों से पूछकर ही दवा खिलाई थी. ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि कहीं दवा एक्सपायरी तो नहीं थी ? फिलहाल जांच जारी है, जांच के बाद स्थिति स्पष्ट होगी.